तो पूर्व मंत्री के चहेतों को बचाने वर्षों तक नहीं हुई कार्यवाही

एक माह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का उप सचिव ने दिया था कलेक्टर को पत्र
2 वर्ष बाद भी नही हुई जांच पूरी

इन्ट्रो:- अनूपपुर नगर पालिका वर्तमान में दयनीय स्थिति से गुजर रही है, जिसका प्रमुख कारण पार्षदों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुए मनमुटाव और द्वंद का सबसे बड़ा कारण रहा है। नवंबर 2022 में प्रेसिडेंट एंड काउंसिल की बैठक में हुए महिला कर्मचारी के साथ अभद्रता और परिषदों के मनमानी रवैया की जांच अब तक मुख्यालय में फाइलों में सड़ रही है, पूर्व मंत्री के राजा राजनीतिक रसूख से कलेक्टर पर दबाव बनाकर जांच को दबा दिया गया है। देखना यह है कि वर्तमान और नए कलेक्टर के पद स्थापना के बाद क्या उक्त मामले में कार्यवाही होगी।
समाज जागरण
विजय तिवारी

अनूपपुर। अनूपपुर जिला के मुख्यालय स्थित नगर पालिका में प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक में पार्षदों द्वारा किए गए अभद्रता के बाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा कलेक्टर और मध्य प्रदेश शासन नगरी विकास एवं आवास विभाग में पत्र लिखकर प्रवीण सिंह, पार्षद वार्ड कमांक 11 एवं अनिल पटेल पार्षद वार्ड कमांक 09 द्वारा प्रेसीडेन्ट इन काउन्सिल की बैठक में अन्य व्यक्ति की ओर से विधिक कार्यवाही में परिषद के विरूद्ध कार्य करने एवं अशोभनीय आचरण के करण म०प्र० नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 (02) के तहत पार्षद पद से अयोग्य करने का लिख कर कार्रवाई की मांग की गई थी जिस पर आर. के. कार्तिकेय उप सचिव मध्य प्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जांच कर तथ्यात्नक जांच प्रतिवेदन अभिमत सहित विभाग को 01 माह की समय-सीमा में उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। इसके कई मां पीटने के बाद भी पूर्व खाद्य मंत्री के चाहते को बचाने के लिए कलेक्टर द्वारा ना तो जांच पूरी की गई और ना ही उक्त जांच का प्रतिवेदन उप सचिव के पास भेजा गया।

महिला सीएमओ के साथ हुई थी अभद्रता, बैठक में हुई थी खींचतान
22 नवंबर 2022 को अनूपपुर नगर पालिका के प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक आयोजित की गई थी। काउन्सिल की बैठक में पूर्व से एजेण्डा नियत था, जिसकी सूचना प्रेसीडेन्ट इन काउन्सिल के सदस्यों को दी गई थी। बैठक प्रारम्भ होते ही प्रवीण सिंह, पार्षद वार्ड क्रमांकः 11, एवं अनिल पटेल पार्षद वार्ड क्रमांक 09 द्वारा अतिरिक्त एजेण्डा सहायक लेखाधिकारी को निलंबित करने एवं कर्मचारियों के प्रभार फेरबदल के संबंध में तथा श्रीमती गजाला परवीन सहायक राजस्व निरीक्षक जिन्हें अनाधिकृत व्यक्ति राजबलि साहू से राजस्व का कार्य कराने, प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों से राशि लेने अवैध भवन निर्माण में बढ़ावा सम्पत्तिकर की राशि ज्यादा लेकर कम राशि की रसीद काटने, राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न रहने तथा भवन निर्माण में अवैध रूप से मनमाने हेतु राशि लेने के आरोप में निलंबित किय गया था, का पक्ष लेकर गाली गलौज करने लगे थे, तत्कालीन महिला सीएमओ ने आरोप लगाया है कि दोनो पार्षदों ने अभद्रता पूर्वक अशोभनीय आचरण प्रदर्शित किया और लड़ाई झगड़ा करने लगे, इसके बाद तात्कालिक मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा कलेक्टर और नगरी प्रशासन विकास एवं आवास विभाग को पत्र लिखकर कार्यालयीन कार्य में बाधा डालने एवं परिषद विरूद्ध कार्य करने तथा अशोभनीय आचरण के कारण प्रवीण सिंह, पार्षद वार्ड क्रमांक 11, एवं अनिल पटेल पार्षद वार्ड क्रमांक 09 के विरूद्ध म०प्र० नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 (02) के तहत् पार्षद पद से अयोग्य करने की मांग की गई थी जिस पर आर. के. कार्तिकेय उप सचिव मध्य प्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर एक महीने के अंदर जांच प्रतिवेदन और आगे की कार्रवाई करने की बात कही थी।

पूर्व मंत्री के चहेते को बचाने में लगे कलेक्टर और अधिकारी

मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री बिसाहू लाल के बेहद करीब माने जाने वाले अनिल पटेल और प्रवीण सिंह को बचाने के लिए कलेक्टर द्वारा 2022 में जारी किए गए नगरी विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव के द्वारा दिए गए आदेश की भी अवहेलना की गई। एक माह के समय के बाद कई वर्ष बीतने के बाद भी अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई या जांच प्रतिवेदन आगे नहीं बढ़ाया गया है। कुल मिलाकर मंत्री के चाहते अनिल पटेल और प्रवीण सिंह को बचाने के लिए कलेक्टर भी अपनी मौन स्वीकृति दर्ज कर रहे हैं देखना यह है कि क्या उप सचिव के दिए गए पत्र में वर्षों बाद कार्रवाई होगी या फिर उक्त पत्र सदैव कागजों के ढेर में दब जाएगा।