तहसील सभागार मे खाद्य सुरक्षा कार्यशाला संपन्न


समाज जागरण
विश्वनाथ त्रिपाठी
प्रतापगढ़

उप जिलाधिकारी लालगंज श्री अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में लालगंज तहसील सभागार में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें सहायक आयुक्त खाद्य धीरेंद्र प्रताप सिंह खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार तिवारी एवं बालेन्दु शेखर मंगलमूर्ति द्वारा खाद्य कारोबार कर्ताओं को खाद्य पदार्थों के मानक को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारणों के बारे में खाद्य पदार्थ वार जागरूक किया गया। जिसका विवरण निम्नानुसार है- आटा, साबुत दालें, चना, सोयाबीन आदि खाद्य पदार्थ की अधिकतर जांच रिपोर्ट में लार्वा, जीवित या मृत घुन आदि के कारण नमूना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है खाद्य कारोबारकर्ता को जागरूक करके इसे दूर किया जा सकता है।
वनस्पति खाद्य तेल ब्लेंडेड खाद्य तेल के नमूने खाद्य तेल का रखरखाव उचित तापमान पर ना होने, अधिक समय तक रखा होने, अन्य खाद्य तेल मिल जाने आदि कारणों से मानक के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं। खाद्य कारोबार कर्ता को इस संबंध में जागरूक कर उक्त प्रकार की कमियों को रोका जा सकता है।
लड्डू बूंदी, बेसन लड्डू, रंगीन मिठाइयों आदि में खाद्य रंगों को मानक के अनुसार उचित मात्रा का प्रयोग एवं खाद्य तेल के प्रयोग संबंधी नियमों के सम्बन्ध में प्रशिक्षित करके खाद्य रंगों की मात्रा अधिक होने और बी० आर० रीडिंग का भिन्न होने आदि कारणों को दूर किया जा सकता है।
छेना मिठाई में स्टार्च का पाया जाना को खाद्य कारोबार कर्ता को जागरूकता बढ़ाकर दूर किया जा सकता है।
मिठाइयों पर एलुमिनियम फाइल का प्रयोग किया जाना तथा हलवाई द्वारा अज्ञानता वश बर्फी जमाने वाले बर्तन की सतह पर रिफाइंड आयल लगाने से ताकि बर्फी थाली में ना चिपके, बर्फी के नमूने में विजातीय वसा आ जाती है। इस संबंध में हलवाईयों को जागरूक कर उक्त कमी को दूर किया किया जा सकता है।
पनीर पानी में रख कर बेचने से पनीर में 50% वसा का मानक अधिकांश पनीर पूरा नहीं करते हैं। जबकि इस प्रकार के अवमानक नमूने में किसी प्रकार की मिलावट करने का खाद्य कारोबार कर्ता का उद्देश्य नहीं होता है परंतु अज्ञानतावश ऐसा होता है।
खाद्य कारोबार कर्ताओं को मसालों के पैकेजिंग लेबलिंग संबंधी मानको के संबंध में भी जागरूक किया जाना चाहिए।
घी का नमूना रेंसिडिटी आ जाने के कारण और अवमानक हो जाता है जो कि उचित रखरखाव ना होने एवं अधिक समय तक रखा होने के कारण रेंसिडिटी आ जाती है।