पटना ।
बिहार के अनुदानित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षकों और सहशैक्षिक कर्मियों ने आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान आन्दोलन की घोषणा की है। यह आन्दोलन 25 नवंबर से शुरू होगा, और इसमें कई प्रमुख मांगें उठाई जाएंगी।
डॉ. शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा – अध्यक्ष, बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब),प्रो. राजीव रंजन – महासचिव, फैक्टनेब,प्रो. अरुण गौतम – मीडिया प्रभारी, फैक्टनेब ने
संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षकों और सहशैक्षिक कर्मियों ने निम्नलिखित मांगें उठाई हैं:
- अनुदान की नीति की समीक्षा: वर्तमान परीक्षा परिणाम आधारित अनुदान की नीति की समीक्षा की जाए, ताकि शिक्षकों की वेतन-संरचना में स्पष्टता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
- बकाया अनुदान का भुगतान: आठ शैक्षणिक सत्रों का बकाया अनुदान, जो बढ़ी हुई महंगाई दर के आधार पर है, का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
- अधिषद् चुनाव: सभी विश्वविद्यालयों में अधिषद् चुनाव कराने की मांग की गई है, जिससे संस्थाओं में लोकतंत्र की भावना को प्रोत्साहन मिले।
आन्दोलन की तैयारी
फैक्टनेब के नेताओं ने बताया कि 17 नवंबर को पटना के हिन्दी साहित्य सम्मेलन सभागार में एक विस्तारित बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आन्दोलन की रणनीति और कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
समस्या का मूल
नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि विभागीय और विश्वविद्यालय स्तरीय लापरवाही के चलते शिक्षकों को 2014-17 के बीच का अनुदान नहीं मिल पाया है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी वित्तीय स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। वर्तमान में, बकाया राशि लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक हो चुकी है।
वितरण प्रणाली में सुधार
शिक्षकों का कहना है कि अनुदान और वेतन का वितरण हस्तचालन पद्धति के बजाय पे रोल मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से किया जाना चाहिए, ताकि पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि हो सके।
इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और सहशैक्षिक कर्मियों की समस्याओं को सही मंच पर लाना और उनके समाधान के लिए दबाव बनाना है। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आन्दोलन को और तेज किया जाएगा, जिससे इन समस्याओं का प्रभावी समाधान संभव हो सके।