वीरेंद्र चौहान, समाज जागरण ब्यूरो किशनगंज।
ठाकुरगंज में देर रात अचानक आए तेज आंधी से दुधऔटी और जिरनगच्छ पंचायत में सैकड़ो किसानों की केला का खड़ी फसल बुरी तरह नष्ट हो गया। वही किसान फरीद अहमद, गुलाम मुर्तजा सहित आदि ने बताया कि हम लोग केला और अनानास का खेती कर अपनी परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन देर रात को अचानक तेज आंधी आने के कारण सैकड़ो एकड़ जमीन में केला का लगा फसल बुरी तरह नष्ट हो गया है। अब हम लोग के पास कुछ नहीं बचा है किसानों का कहना है कि कर्जा लेकर हम लोग केला का फसल उपजाए थे लेकिन आंधी से कल का खड़ी फसल अब बुरी तरह बर्बाद हो गया ।अब तक कृषि संबंधित कोई भी पदाधिकारी हम लोगों का हाल-चाल जानने तक नहीं आया है। हम लोगों को पूर्ण विश्वास है कि कोई भी कृषि पदाधिकारी अगर निरीक्षण करेंगे तो कुछ राहत किसानों को मिलेगी। वहीं दुधऔटी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सहिर अनवर सरपंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष मो जवारुल हक़ कृषि प्रखंड पदाधिकारी से दूरभाष पर बात कर पंचायत में तेज आंधी से केला का फसल हुए क्षति को लेकर जानकारी दिया है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारी से दूरभाष पर जानकारी दे दी गई है बहुत ही जल्द क्षतिग्रस्त फसलों का आकलन कर इन गरीब किसानों को मुआवजा बहुत जल्द मिलेगी। इसी दौरान पंचायत के मुखिया मीडिया संवाद में बताया कि हमारे देश कृषि के मामले में नंबर एक पर है और किसान भी अपनी दिलो जान लगाकर पूर्ण रूप से फसल काफी मेहनत मुशकत कर तैयार करते हैं आगे उन्होंने कहा कि एक केला का पेड़ में 130 रुपए खर्चा पड़ता है शुरू से लेकर आखिर तक लगभग डेढ़ साल केला का पेड़ के पीछे किसानों को मेहनत करना पड़ता है लेकिन तेज आंधी ने डेढ़ साल के मेहनत किसने की पानी फेर कर रख दिया अब किसान बेबस है अपनी दुख दर्द बयां करने को मजबूर है अब देखने की बात है कि कृषि जिला पदाधिकारी के द्वारा इन किसानों को क्या मुआवजा देता है। किशनगंज जिले लगभग 15 दिन के अंदर प्रगति की आपदा अलग-अलग क्षेत्र में तांडव मचार रखा है किसानों में दशक का माहौल बने हुए हैं किसान अपने दुग्ध बयान करते हुए किसान अपनी दुख दर्द बयां करते हुए मीडिया के सामने अपने बात रखते हुए कहते हैं कि बीते कुछ दिन पहले सूखाग्रस्त की मार जूझ रहा था तो वहीं दूसरी तरफ लगातार 15 दिन से जिले के अलग-अलग प्रखंड में आपदा का प्रगति का मार जूझ रहे हैं क्या बिहार सरकार इन गरीब किसानों के समस्याओं का निदान करेंगे किसान मजदूर अपने हाथ फैलाने को मजबूर है किसान बताते हैं कि हर नेता अपनी क्रेडिट लेने की चक्कर में रहते हैं लेकिन किस की आवाज को उठाने वाला सदन से लेकर लोकसभा तक कोई नहीं है मीडिया के माध्यम से अखबार टीवी चैनल के द्वारा लगातार किसने की दुख दर्द को दिखाया जाता है लेकिन इनका सुनने वाला कोई नहीं है पंचायत के सभी जनप्रतिनिधि एक ही आवाज बनाकर सभी ने कहा कि हम सब कृषि जिला पदाधिकारी से मांग करते हैं कि इन किसानों की केला की खड़ी फसल हुए आपदा की प्रकृति से क्षतिग्रस्त सरकार इनकी मांगों को पूरा करें।