संत रामपाल जी का उद्देश्य दहेज-प्रथा, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचारी, नशा जैसी बुराइयों को दूर करना है

दैनिक समाज जागरण

बारां – 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को जिला बारां के तहसील शाहबाद कस्बा केलवाड़ा, किराड धर्मशाला सीताबाड़ी में संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक प्रवचनो को एलइडी टीवी के माध्यम से दिखाया गया। इसमें आसपास के गांवों से बडी संख्या में श्रद्धालु सत्संग सुनने आए। जिनमें एक गजब का अनुशासन देखने को मिला, कोई भी अनुयायी नशा करता हुआ नजर नहीं आया। सत्संग के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि सृष्टि की रचना कैसे हुई?

हमको जन्म देने वा मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है ? पूर्ण संत की क्या पहचान होती है? श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी और श्री महेश जी के माता-पिता कौन है ? इन सभी प्रश्नों की जानकारी शास्त्रों से प्रमाणित करके बताई सत्संग में बताया है कि मनुष्य जीवन भक्ति करने के लिए प्राप्त होता हैं जो मनुष्य पूर्ण संत से नाम लेकर सदभक्ति नहीं करता उस मनुष्य को 84 लाख योनियों में जाना पड़ता है। वह मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति नहीं कर सकता। जिला सेवादार राजेंद्र दास ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज जी का मुख्य उद्देश्य है समझ में फैल रही जैसे दहेज प्रथा, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचारी, नशा जैसी तमाम बुराइयों को दूर करना है सत्संग में उपस्थित सेवादार विशालदास, नीलेशदास, रतनदास, बलरामदास, कालूदास, तेजप्रकाश दासअंकित दास, समसूदास, गोविंददास, मानसिंह दास, अशोक दास, गणेशदास , विक्रमदास, छोटूदास, सेतानदास, ईश्वरदास, धर्मेंद्र दास, रामस्वरूपदास, बनवारी दास, रघुनंदन दास आदि सेवादार उपस्थित रहे