ठाकुरगंज हाट निर्माण में बड़े घोटाले का मामला आर्थिक अपराध इकाई तक पहुंचा, जांच से खुलेंगे राज?

वीरेंद्र चौहान, समाज जागरण ब्यूरो किशनगंज।
ठाकुरगंज नगर पंचायत के वार्ड नंबर 10 में हुए हटिया (हाट) निर्माण कार्य को लेकर इन दिनों जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। रोज़ाना इस निर्माण कार्य से जुड़ी नई-नई बातें सामने आ रही हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस निर्माण कार्य पर इतनी आपत्तियाँ क्यों हो रही हैं? इससे पहले ठाकुरगंज स्वामी विवेकानंद बस स्टैंड पर बने दुकानों के निर्माण को लेकर भी विवाद हुआ था, जिसकी जांच अब तक लंबित पड़ी है। वहीं, वार्ड नंबर 10 में बने नए हाट दुकानों का मामला अब आर्थिक अपराध इकाई (EOW) तक पहुंच चुका है। इससे यह आशंका और भी प्रबल हो गई है कि निर्माण और दुकानों के आवंटन शाय़द गंभीर अनियमितताएं हुई हैं?

नगर पंचायत के पूर्व मुख्य पार्षद प्रमोद चौधरी,समाजसेवी कौशल किशोर यादव एवं अन्य स्थानीय दुकानदार इस मुद्दे पर खुलकर सामने आए हैं और विरोध दर्ज कर रहे हैं। हाट निर्माण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं हुई है। जो एक बड़ा सवाल। पूर्व मुख्य पार्षद प्रमोद चौधरी ने नगर पंचायत प्रशासन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा “ठाकुरगंज नगर पंचायत में विकास के नाम पर जो ढोल पीटा जा रहा है, वह वास्तव में लूट और गबन का ढोल है।”
उन्होंने बताया कि 20 सूत्रीय क्रियान्वयन समिति की बैठक में उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था। दुकानदारों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और आरोप लगाया कि दुकान आवंटन के नाम पर उनसे पैसे मांगे जा रहे हैं। इस संबंध में कई जगह आवेदन भी दिए गए हैं।
श्रीचौधरी ने आरोप लगाया कि हाट निर्माण कार्य नियमों को ताक पर रखकर जल्दबाज़ी में किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पुराने दुकानदार वहां पहले से व्यवसाय कर रहे थे, तो क्या उनसे अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिया गया? उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार एनओसी लेकर विभाग को भेजा जाना चाहिए, और उसके बाद विभागीय स्वीकृति मिलने पर ही निर्माण होना चाहिए था।उन्होंने यह भी कहा कि हाट में अतिक्रमण आज भी बरकरार है और निर्माण का कोई विधिक टेंडर नहीं निकाला गया।”यदि विभागीय आदेश के अनुसार केवल ₹15 लाख का कार्य हुआ है, तो मैं चुनौती देता हूं—उस पूरे हाट के निर्माण का मूल्यांकन करिए और बताइए क्या वह वास्तव में 15 लाख में संभव है?”प्रमोद चौधरी ने वर्तमान मुख्य पार्षद श्रीकृष्णा सिंह उर्फ सिकंदर पटेल को खुली चुनौती दी यदि आपने ईमानदारी से ठाकुरगंज की जनता के लिए काम किया है,तो खुद जांच करवाइए।यदि जांच में मेरा आरोप गलत साबित होता है,तो मैं सार्वजनिक मंच से माफी मांगेंगे।”अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है और जांच में क्या सच्चाई सामने आती है।

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