वन, राजस्व एवं खनिज विभाग ठेका कंपनी की मनमानी के आगे नतमस्तक
समाज जागरण
विजय तिवारी
कटनी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बांधवगढ़ नेशनल पार्क बफर जोन एरिया से निकलने वाली पिपही नदी में बगैर अनुमति रेत का उत्खनन वर्षों से अनवत रूप से जारी है । बताया जाता है कि यह क्षेत्र कटनी जिले के बरही तहसील के जाजागढ़ बफर जोन में आता है। जंगली जानवरों के विचरण का क्षेत्र होने से यहां किसी भी तरह के उत्खनन की अनुमति नहीं है, लेकिन धनलक्ष्मी रेत कंपनी वैखोफ होकर उत्खनन और परिवहन कर रही है। ग्रामीण की मानें तो पिपही नदी साल भर पानी से भरी रहती थी, किंतु अब रेत के अंधाधुंध उत्खनन के बाद सूख गई है।
ढाल बनी है पुलिस
सूत्र बताते हैं कि ठेका कंपनी के लिए पुलिस ढाल कर खड़ी हो जाती है। वैसे तो कंपनी रेत खनन एरिया से पहले ही नाका बना रखा है जहां कंपनी द्वारा तैनात भिंड और मुरैना के लठैत पहरेदारी करते हैं और उनकी मर्जी के बिना कोई भी बाहरी व्यक्ति खनन एरिया में नहीं जा सकता है । रेत हो या डोलोमाइट, या फिर अन्य गौण खनिज अवैध उत्खनन के लिए कटनी जिला लम्बे अर्से से कुख्यात है। जिस विभाग पर इस खनिज सम्पदा के संरक्षण की जिम्मेदारी है वे ही खुली लूट की छूट दे रहे हैं। जिले में रेत खनन करने वाली एजेंसी धनलक्ष्मी मर्चेंटाइन लिमिटेड द्वारा स्वीकृत स्थलों पर तो नदी के भीतर भारी मशीनरी से रेत निकालकर एनजीटी के निर्देशों को रौंदा जा रहा है। वहीं बांधवगढ़ नेशनल पार्क बफर जोन में धड़ल्ले से अवैध रूप से रेत का खनन किया जा रहा है।। वहीं यदि ग्रामीण अवैध उत्खनन का विरोध करते हैं या फिर शिकायत करते हैं तो पुलिस द्वारा ग्रामीणों के साथ मारपीट की जाती है और फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती है। मिली जानकारी के अनुसार बांधवगढ़ नेशनल पार्क के सीमा क्षेत्र से निकलने वाली नदी से रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। मनमाने तरीके से नदी के बीच धार से रेत निकाली जा रही है और बाजार में महंगे दाम पर बेची जा रही है।
लम्बे अर्से से चल रहा खनन
क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि ठेका कंपनी ने बगैर अनुमति लगभग एक साल से रेत काअवैध उत्खनन कर नदी के अस्तित्व को खत्म कर दिया है। एक ओर जहां नदी खाई में तब्दील हो गई है वहीं जलीय जीव नष्ट हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यहां एनजीटी के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैंए लेकिन राजस्व, माइनिंग, पुलिस, वन विभाग के जिम्मेदार रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने में नाकाम है। जाजागढ़ के पिपही नदी से रेत बगैर अनुमति रेत निकाल रहे हैं और शासन को राजस्व का चूना लगा रहे है। बताया गया है कि यहां बरसात के पहले जमकर रेत निकाली गई बडे स्तर पर दोहन कर भारी वाहनों से परिवहन किया गया। जिसमें शासन को करोड़ रुपए का राजस्व को चूना लगाया गया।