झारखंड: सोलर मीनार बन गया कुतुबमीनार।प्यास बुझाने के लिए एक किलोमीटर दूर कुंआ ही एकमात्र सहारा।

अंतुसाई टोला बेल्डीह में पेयजल के लिए त्राहिमाम ग्रामीण।सोलर मीनार बन गया कुतुबमीनार।प्यास बुझाने के लिए एक किलोमीटर दूर कुंआ ही एकमात्र सहारा।

पिछले वर्ष हुए ओलावृष्टि ने सब कुछ उजाड़ कर रख दिया।दुर्लभ जिंदगी जीने को मजबूर ग्रामीण।

रवि कांत गोप,दैनिक समाज जागरण,प्रखंड संवाददाता राजनगर(सरायकेला)

राजनगर(झारखंड)14 मई 2023: राजनगर प्रखंड के तुमुंग पंचायत अंतर्गत अंतुसाई टोला बेल्डीह के ग्रामीण दुर्लभ जिंदगी जीने को मजबूर है।इन दिनों बेल्डीह गांव पेयजल संकट से त्राहिमाम त्राहिमाम हो रहा है।लगभग 70 से 80 परिवार पेयजल संकट झेल रहा है।हालांकि पंचायत कोष से एक गाँव मे एक सोलर मीनार लगा हुआ है।लेकिन वह भी पिछले वर्ष आये ओलावृष्टि के कारण जहां गाँव में सभी के झोपड़ी,मकान छतिग्रस्त हुए थे।वहीं ओलावृष्टी ने मकानों के छत के साथ साथ सोलर मीनार का सोलर प्लेट भी टूट गया था।तब से लेकर आज तक सोलर मीनार कुतुब मीनार बना हुआ है।केवल शोभा की वस्तु।वहीं गांव से लगभग 1 किलोमीटर दूर तुमुंग पहाड़ के नीचे एक कुएँ से पानी लाना पड़ रहा है।जाने के लिए रास्ता भी नही है।खेतो और पगडंडियों पर चल कर पानी लाते है।आस पास के तालाब भी सुख चुके है।इसलिए कुएँ में भी पानी लेने के लिए लंबी लाईन लगी रही है।


दिनांक 25 फरवरी 2022 को गाँव मे बड़ी आफत यानी ओलावृष्टि हुई थी।जिसमे पूरा गाँव को झिंजोड कर रख दिया था। इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक सह मंत्री चम्पई सोरेन भी गांव पहुँचे थे।साथ मे आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारी भी पहुँचे थे।मंत्री ने पदाधिकारियों से जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को मुवाबजा मुहैया कराने को निर्देशित किया था ।उस वक्त सभी सरकारी मुलाजिमों ने अपनी हामी भर दी थी।परंतु उसके बाद आज तक ग्रामीण मुवाबजे की राह तक रहे है। ना मुवाबजा राशि मिली, ना ही पेयजल संकट दूर हुआ।
ग्रामीणों के मुताबिक पेयजल के लिए सोलर मिनार मरमती कराने के लिए पंचायत के मुखिया को भी जानकारी दी गई थी।परंतु इस पर अब तक कोई पहल नही की गई।
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि ओलावृष्टि में नुकसान का मुवाबजे के लिए आवेदन भी भरा गया था।कई बार इसके बारे अंचलाधिकारी के समक्ष भी गुहार लगाई।परन्तु केवल आस्वाशन ही मिला।मुवाबजा नही।ऐसे में ग्रामीण काफी मुसीबत में है।

क्या कहते है ग्रामीण :-

संजय हांसदा :- ओलावृष्टि में मकानों के छत के साथ साथ सोलर मीनार भी छतिग्रस्त हो गया था।आवेदन देने के एक साल बाद भी अब तक मुवाबजा नही मिला।और सोलर मीनार भी नही बना।पदाधिकारी यों ने केवल आस्वाशन दिया।काम कुछ नही हुआ।

सुधीर तियु :- तालाब भी सुख गए है।नहाने का दिक्कत तो है ही,पीने का पानी सबसे बड़ी समस्या है।पीने का पानी के लिए महिलाओं को काफी दूर पहाड़ियों की ओर जाना पड़ता है जहाँ कुंआ है।

नोनो तियु :- हमने कई बार इसकी शिकायत मुखिया से भी की।परंतु पेयजल समस्या का समाधान नही हो पाया।हम ऐसी दुर्लभ जिंदगी जीने को मजबूर है।हमारी सुनने वाला कोई नही।

पुतुल हांसदा :- हम दो एक साल से मुसीबत झेल रहे है।ओलावृष्टि के बाद से जब सोलर मीनार खराब हुआ तो नलकूप कस पानी लेते थे।परंतु नलकूप भी खराब हो गया है।जिस कारण हमें लगभग 1 किलोमीटर दूर तुमुंग पहाड़ी की ओर एक कुएँ से पानी लाना होता है।और वह भी खेतों से होते हुए।बहुत दिक्कत हो रही है ।हम चाहते है।हमारी पेयजल समस्या जल्द से जल्द दूर हो।


चिंता हो :- कुंआ गाँव से दूर होने के कारण दो या तीन बार ही पानी लाते है, डेकची बर्तन भी छोटे छोटे है ।इसलिए ज्यादा पानी भी नही ला पाते है।केवल पीने योग्य पानी ला पाते है।इसके अलावे घर की अन्य जरूरतों के लिए काफी दिक्कत होती है।