मामला गिंजरी छात्रावास का
बिरसिंहपुर पाली— पाली विकास खंड में संचालित छात्रावास अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि इन छात्रावासो में अधिकतर छात्रावास मजदूरों के बलबूते ही संचालित है । छात्रावास अधीक्षक छात्रों के हिस्से की मलाई तो छान रहे है परन्तु उनकी देखरेख न के बराबर रहती है । बताया जाता है कि छात्रावास रसोईयों और दैनिक वेतन भोगी मजदूरों के जिम्मे छोड़ दी जाती है । विदित होवे कि जन जातीय बालक आश्रम गिंजरी में पदस्थ अधीक्षक इस मामले में आगे है , इनका मूल निवास स्थान पाली के समीप गोयरा में है , जिसके चलते यह आये दिन शाम पांच बजे ही निज निवास गोयरा के लिए चले जाते हैं और दुसरे दिवस ग्यारह बजे के आसपास विद्यालय और छात्रावास पहुंचते हैं । इनके लापरवाही पूर्ण कार्य शैली के लिए पिछले दिनों कार्यालय सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य जिला उमरिया के व्दारा अपने कार्यालयीन पत्र क्र / स्था/ स्पष्टीकरण/ 24-25 /5065 दिनांक 21-1-25 के व्दारा संबंधित छात्रावास अधीक्षक महेश सिंह को पत्र जारी करते हुए लिखा है कि आप छात्रावास से नदारद थे । सहायक आयुक्त ने लिखा है कि आपका यह कृत्य आपके दायित्व के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं उदासीनता को परिलक्षित करता है ,यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (क) के विरुद्ध है । इस पत्र का जबाब अधीक्षक गिंजरी को नोटिस जारी कर तीन दिवस के अंदर जबाब मांगा गया था,लेकिन सहायक आयुक्त के इस पत्र का संबंधित छात्रावास अधीक्षक के ऊपर कोई असर नहीं हुआ, और अधीक्षक पहले जैसे ही अपने मन मर्जी का राज चला रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि आश्रम जैसे संवेदनशील मामले में जहां छोटे छोटे नौनिहालों का भविष्य संवारा जाता है उन आश्रम शालाओं में लापरवाही इतनी हावी हो गई है कि अधीक्षक अपने घर से ही अधीक्षकी चला रहे हैं ।न जाने पाली विकास खंड में जारी इन अनियमितताओं पर कब रोक लग पायेगी ।