पटना के बिहटा में तीन शराब कारोबारी गिरफ्तार

समाज जागरण पटना जिला संवाददता:- वेद प्रकाश

पटना/ बिहार में शराबबंदी के बावजूद तस्कर नए-नए तरीकों से अवैध शराब की तस्करी कर रहे हैं। पटना जिले के बिहटा क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने रेलवे ट्रैक के पास से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब बरामद की है। इस दौरान तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जो लंबे समय से इस अवैध कारोबार में संलिप्त थे। दानापुर डीएसपी-2 पंकज मिश्रा के अनुसार, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बिहटा के डुमरी गांव के रेलवे लाइन के पास अवैध शराब की खेप उतारी जा रही है। सूचना के आधार पर बिहटा थाना पुलिस ने इलाके में छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने 104 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद की। शराब की यह खेप ट्रेन से लाई गई थी और गुमटी के पास उतारी जा रही थी। पुलिस ने मौके से तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान मनेर के विकास गुप्ता, मुन्ना कुमार और कन्हैया कुमार के रूप में हुई है। जांच में यह भी पता चला कि ये तस्कर पिछले कई वर्षों से इस अवैध कारोबार में लिप्त थे। वे ट्रेन में यात्री बनकर सफर करते थे और फिर डुमरी गांव के रेलवे ट्रैक के पास शराब की खेप उतारते थे। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि शराब की तस्करी में ट्रेन का इस्तेमाल करना उनके गिरोह का मुख्य तरीका है। वे शराब को दूसरे राज्यों से लाते थे और बिहार में खपत के लिए अलग-अलग जगहों पर वितरित करते थे। रेलवे ट्रैक के पास का इलाका सुनसान होने के कारण तस्कर यहां आसानी से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते थे। इस घटना के बाद पुलिस ने तस्करों से पूछताछ शुरू कर दी है। दानापुर डीएसपी-2 पंकज मिश्रा ने बताया कि पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। गिरफ्तार तस्करों से मिली जानकारी के आधार पर कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि शराब की खेप कहां से लाई गई थी और इसे कहां-कहां सप्लाई किया जाना था। बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर इस अवैध धंधे को जारी रखे हुए हैं। ट्रेन का सहारा लेना तस्करों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनता जा रहा है, क्योंकि यह तरीका गुप्त और तेज है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। उनका कहना है कि ऐसे अवैध कार्यों से समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने प्रशासन से इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। बिहटा में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि शराबबंदी कानून को लागू करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, पुलिस की तत्परता और गुप्त सूचना पर कार्रवाई ने इस गिरोह के मंसूबों पर पानी फेर दिया। प्रशासन को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे और अन्य माध्यमों पर निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि बिहार में शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन हो सके।