चंद्रशेखर आजाद रावण पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन

दैनिक समाज जागरण मुन्ना पासवान ब्यूरो चीफ नालंदा बिहार शरीफ

नालंदा जिला के बिहारशरीफ के मोहल्ला पचासा पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा के समक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वधान में चंद्रशेखर आजाद रावण पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया।
इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने निंदा करते हुए कहा कि चंद्रशेखर आजाद रावण पर हुए जानलेवा हमला निंदनीय है एवं एक सोची समझी साजिश राजनीतिक के तहत की गई है। ये बहुजन समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और इन के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग के लोगों पर जहां भी जुल्म होते हैं, वे खुलकर बोलते हैं और इसका विरोध भी करते है। जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी करते हैं। डॉ भीमराव अंबेडकर एवं संविधान की बात करते हैं,ये ही बात स्वर्णां को खटकता है। स्वर्ण लोग अंबेडकरवादी, संविधान रक्षक को दुश्मन मानते हैं और उन पर जानलेवा हमला भी करवाते हैं। जिसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में चंद्रशेखर आजाद रावण पर जानलेवा हमला हुआ। ये वही लोग हैं, जिसने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भी स्त्री के प्रेम जाल में फंसा कर जान से मारने का काम किया था। पहले भी किया था और अभी भी कर रहा है। इन लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है और इनके चालो को समझना होगा। इस घटना के अंजाम देने वाले को जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो और दोषी को स्पीड ट्रायल के तहत फांसी की सजा हो। उत्तर प्रदेश का जब से आदित्यनाथ योगी जी मुख्यमंत्री बने हैं तब से लाइन ऑर्डर नीचे गिरता चला जा रहा है ,जिसे अपराधी का मनोबल बढ़ता जा रहा है और आए दिन घटना का अंजाम दिए जा रहे हैं।
पुतला दहन में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर से कहा कि इस घटना को जिम्बारी लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को नैनिकिता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान ने कहा कि इस घटना को जितनी बार निंदा की जाए कम है।बहुजनों के लिए लड़ाई लड़ने वाले को योजना बनाकर स्वर्ण लोग अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को पहले से जान मारने की परंपरा भारत में चला आ रहा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के राज्य में अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की स्त्रियों एवं बहनों को इज्जत लूट कर जान से मारने की घटना आम बात हो गई है,जिसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के हाथरस में देखने को मिला।सामाजिक कार्यकर्ता पर इस तरह की घटनाएं एक राजनीति के सोची-समझी के तहत घट रही है। बहुजनों में जन्में महापुरुषों के रास्ते पर चलने पर अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के लोगों को स्वर्णो द्वारा मौत के घाट उतारे जा रहे हैं।
डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नंदलाल दास एवं प्रदेश महासचिव बलराम दास ने पुतला दहन का नेतृत्व कर रहे थे।
इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के जिला उपाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद रविशंकर दास आरती पटेल नंबर रामरतन सिंह दिलीप चौहान मोहम्मद सादिक अजहर सूरज प्रताप कोहली राजकुमार यादव बिंदेश्वर प्रसाद उमेश राम राजेंद्र पासवान राजेश यादव बिजिन्दर पासवान राजेश्वर सिंह आदि लोग पुतला दहन में शामिल हुए।
रामदेव चौधरी
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष एवं फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष