विकास योजनाओं की बात ही छोडिए, कल्याणकारी योजनाओं में मची लूट,आखिर बढ़ते भ्रष्टाचार,घपले -घोटाले एवं गबन के लिए जबादेह कौन?*

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*क्या मंची लूट की राशि सच में बिहार – सरकार तक पहुँचाई जाती है ,अगर नहीं तो लूट की छूट क्यों और कब होगा मामले का पटाक्षेप* ।

रिर्पोट अनिल कुमार मिश्र औरंगाबाद (बिहार)

औरंंगाबाद (बिहार) 21 अगस्त 2022:- आखिर भ्रष्टाचार के अनूठे खेल के पीछे हैं किसका हाथ है और बिहार के गरीब जनता राशन दुकान से खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले गेहूँ चावल के जगह चुनी- खुदी मिले, सड़े -गले अरवा चावल लेने और खाने के लिए विवश व बाध्य तथा लाचार क्यों दिखते हैं और जन शिकायत की सुनवाई कहीं पर भी क्यों नहीं होता है तथा जन शिकायत के बाद शिकायतकर्ताओं के ऊपर हमले – जानलेवा हमले और झूठे मुकदमे क्यों दर्ज होते हैं ? और भ्रष्टाचारियों की बचाव में स्थानीय प्रशासन एवं थाने के संबंधित पुलिस अधिकारी खड़े क्यों दिखाई देते हैं यह सवाल का जवाब न कोई देना चाहता है और ना ही कोई पूछना चाहता है, अगर किसी ने पूछ लिया तो भी आफत और पत्रकारों ने उपेक्षितों की आवाज को उठा दिया तो भी आफत, आखिर भ्रष्टाचारियों के झुंड द्वारा सोशल एक्टिविस्ट एवं पत्रकारों तथा शिकायतकर्ता पर जानलेवा हमले क्यों होते हैं और होते आ रहे हैं ?आखिर बिहार में कल्याणकारी योजनाओं की राशन एवं राशि ,खाद सुरक्षा योजना की राशन की घोटले,.कृषि अनुदान की राशि का घोटाले, मनरेगा योजना की राशि की घोटाले , इंदिरा आवास योजना की राशि का घोटले, (लाखों की लागत से मकान निर्माण की कार्य करने वाले लोगों को इंदिरा आवास की राशि को देकर इंदिरा आवास की राशि का घोटाले ) पंचायत के विकास के नाम पर मयोजना मद की राशि का घोटाले , सड़क निर्माण कालीकरण के नाम पर सरकारी राशि की घोटाले, जाने कितने योजनाओं में घोटाले ही घोटाले के कार्य बिहार में कब तक चलता रहेगा और कब बंद होगा, यह लोगों के समझ से परे हो चुका है। जेडीयू बीजेपी गठबंधन की सरकार तभी घोटाले , राजद -जदयू की सरकार तभी घोटाले, आखिर घोटाले की खेल घटने की जगह बढ़ते क्यों जा रहा है और सरकारी राशि से लाफुआ एवं लुटेरे वर्ग लखपति से करोड़पति क्यों. और कैसे बनते जा रहे हैं और इसकी पटाक्षेप कब होगा, यह जनता विभिन्न राजनीतिक दल के बुद्धिजीवी एवं.समाजसेवियों के समझ से परे हो चुका है । उक्त बातें दैनिक समाज जागरण टीम के साथ विशेष भेंट वार्ता में सोशल एक्टिविस्ट द्वारा कही गई है । इनकी बात मान ली जाए तो नीतीश कुमार ने जंगलराज की सफाया के नाम पर राजद गठबंधन के विरुद्ध चुनाव लड़ा था किंतु जदयू बीजेपी गठबंधन ने नीतीश कुमार के छवि को बर्बाद कर दिया और बिहार को महा जंगल बना दिया। नीतीश कुमार ने बिहार को महा जंगल राज्य बनकाकर जंगलराज में समाहित हो गए हैं फिर भी नीतीश कुमार एव राजद नेता की गठबंधन से गरीबों को न्याय व विकास की उम्मीदें जगी है और 80% लोगों को न्याय की उम्मीदें बढ़ी है।