अवैध कोल माइंस का संचालक कौनअवैध कोयला कारोबारी को प्रशासन दे रहा है संरक्षण

मामला अमलाई थाना अंतर्गत बटुरा का l

ओपीएम( विजय तिवारी )जिले के अंतर्गत कोल माइंस खदान के अलावा इन दोनों कथित रूप से अवैध तरीके से प्राइवेट माइंस बटुरा में अवैध तरीके से संचालित की जा रही है और बताया जाता है कि इस अवैध माइंस का संचालन पूर्व कोयला चोर के द्वारा कराई जा रही है और अब तिकड़ी इस अवैध माइंस का संचालक बने बैठे हुए हैं जबकि इन अवैध माइंसों में 5 से 7 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और जिला प्रशासन इस अवैध माइंस को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था किंतु इन दिनों अवैध माइंस इस अवैध कार्य को अपने फायदे के लिए लोगों की जान दाव पर लगाकर और फिर से संचालित कर गया है। क्या इस अवैध गोरख धंधे में पुलिस प्रशासन या जिला प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है यह भी सवाल उठ रहा है क्योंकि मुख्य मार्ग के किनारे सोन नदी के दोनों ओर इस प्रकार के अवैध कोयला माइंस संचालित किया जा रहे हैं। कहा जाता है कि पुलिस चाह ले और अपने में आ जाए तो 50 फीट गड़ा मुर्दा भी उखाड़ लेती है किंतु इस कोयले के अवैध कारोबार नेशनल हाईवे रोड से 100 मीटर की दूरी पर चल रही है तो क्या इस अवैध कारोबार पर जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन का ध्यान नहीं जा पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि इस अवैध माइंस में आए दिन गरीब मजदूर का मौत होती रहती है और उन मजदूरों के घर के बच्चों के मुंह से निवाला भी छिन जाता है फिर मजबूरी में आकर यही बच्चे फुटपाथ में या तो भीख मांगते नजर आते हैं या तो कहीं चोरी या अन्य अपराध करने पर मजबूर हो जाते हैं । देश के प्रधानमंत्री के द्वारा बड़े-बड़े मंचों से कहा जाता है कि यही बच्चे हमारे देश का भविष्य है और आगे आपको डॉक्टर या इंजीनियर बना है किंतु इन अवैध कोयला माइंस के संचालकों के द्वारा चंद पैसों के लालच में इन बच्चों की जिंदगी भी दांव पर लगा दी जाती है अभी कुछ दिन पहले ही क्षेत्र के एक बंद खदान में कबाड़ चोरी करने गए सात युवकों की जान जा चुकी है। जिस प्रकार से अमलाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत बटुरा क्षेत्र में अवैध कोयले का कारोबार संचालित किया जा रहा है इस पर जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन क्यों कुंभकरणीय निंद्रा में है इसका अंदाजा तो आम जनता या फिर प्रशासन खुद ही लगा सकती है l

अवैध कोयला के चलते कोल माइंस को हो रहा करोड़ अरबो का नुकसान

जिले में सोहागपुर कोयला प्रक्षेत्र अंतर्गत 5 से 7 खुली एवं भूमिगत खदान संचालित है किंतु अब यह माइंस अवैध माइंस के चलते अरबो रुपए का नुकसान झेल रही है इन अवैध कारोबारी के द्वारा अवैध उत्खनन कराकर और अपने फायदे के लिए बाहर कटनी, सतना, बिलासपुर ,रायपुर के अलावा उत्तर प्रदेश में सप्लाई किया जाता है।
मजदूर का रहे सैकड़ा तो कारोबारी कमा रहे लाखों
सूत्र बताते हैं कि अमलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत बटुरा एवं आसपास के क्षेत्र में जिस प्रकार से कोयल का कारोबार तिकड़ी के द्वारा संचालित किया जा रहा है इस काला कारोबार से मजदूर भले ही प्रतिदिन 100 से लेकर हजार रुपए ही कमाते हैं और जान जोखिम में डालते हुए मौत रूपी सुरंग के अंदर जाकर कोयले का उत्खनन करते हैं वहीं कोयले के कारोबार से जुड़े लोग महीने में लाखों से लेकर करोड़ों रुपए अवैध तरीके से कमा रहे हैं। पूर्व में शहडोल जिला प्रशासन एवं अनूपपुर जिला प्रशासन द्वारा अवैध रूप से संचालित कोयल खदान के मुहारे को मिट्टी से पाट कर बंद कराया गया था लेकिन कुछ महीनो बाद ही कथित कोयला कारोबारी द्वारा मिट्टी हटाकर फिर से मौत रूपी सुरंग के अंदर मजदूरों को भेजा जाता है और कोयल का उत्खनन कर मजदूर एक स्थान में एकत्रित करते हैं जो कि बाद में ट्रक एवं हाईवे या टेलर के माध्यम से बाहर सप्लाई कर दिया जाता है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा अमलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत चल रहे कोयले के करो बार पर कब तक अंकुश लगाया जाता है।

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