रिज़र्व बैंक ने दिया निर्देश: 1 मई से सभी बैंक और वित्तीय संस्थाएं PRAVAAH पोर्टल का करें उपयोग


— संजय अग्रवाला, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
[लेखक पिछले 18 वर्षों से वाणिज्य-अर्थशास्त्र के शिक्षक, वित्तीय एवं कर सलाहकार हैं]

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 मई, 2025 से सभी बैंकों, वित्तीय कंपनियों और अन्य नियामक संस्थाओं के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे किसी भी प्रकार की अनुमति, लाइसेंस अथवा स्वीकृति के लिए अब केवल PRAVAAH पोर्टल का उपयोग करें। RBI ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में स्पष्ट कहा कि नियामक स्वीकृतियों, लाइसेंसों और अनुमतियों के लिए अब केवल इसी पोर्टल के माध्यम से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

PRAVAAH का पूर्ण रूप है – Platform for Regulatory Application, Validation and Authorization। यह एक सुरक्षित, वेब आधारित पोर्टल है जिसे RBI ने 28 मई, 2024 को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य है कि सभी प्रकार की नियामकीय अनुमतियों के लिए एकीकृत, पारदर्शी और दक्ष मंच प्रदान किया जाए, जहां व्यक्तिगत आवेदक और संस्थान समान रूप से सुविधाजनक तरीके से अपने आवेदन दर्ज कर सकें।

लॉन्च के बाद से PRAVAAH पोर्टल के माध्यम से लगभग 4,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। हालांकि, RBI ने यह भी पाया कि कुछ संस्थाएं अभी भी पुराने माध्यमों से आवेदन भेज रही थीं, जिससे प्रक्रिया में देरी और अपारदर्शिता बनी हुई थी। इसे देखते हुए अब रिज़र्व बैंक ने इसे अनिवार्य बना दिया है कि सभी नियामक संस्थाएं केवल इसी पोर्टल के जरिए ही अपने आवेदन भेजें।

यह नियम देश के सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (जिसमें स्मॉल फाइनेंस बैंक, लोकल एरिया बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी शामिल हैं), नगरीय सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक, केंद्रीय सहकारी बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (जिसमें हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां भी सम्मिलित हैं), प्राइमरी डीलर, भुगतान प्रणाली ऑपरेटर और क्रेडिट सूचना कंपनियों पर समान रूप से लागू होगा। सभी संस्थाओं को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि वे उपरोक्त समय-सीमा के बाद कोई भी आवेदन पुराने माध्यम से न करें।

PRAVAAH पोर्टल में सभी आवश्यक आवेदन प्रपत्र पहले से उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही उपयोगकर्ताओं को आवेदन जमा करने, उसकी ट्रैकिंग करने और संबंधित अन्य जानकारी के लिए विस्तृत दिशानिर्देश पोर्टल पर ही दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, RBI ने उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए एक उपयोगकर्ता पुस्तिका (User Manual), सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) की सूची और वीडियो ट्यूटोरियल्स भी पोर्टल पर उपलब्ध कराए हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि तकनीकी जानकारी की कमी किसी भी उपयोगकर्ता के लिए बाधा न बने।

यह कदम न केवल आवेदन प्रक्रिया को तेज करेगा बल्कि इसे पारदर्शी और जवाबदेह भी बनाएगा। पहले की प्रक्रिया में जहां अलग-अलग माध्यमों से आवेदन भेजे जाते थे, उसमें दस्तावेजों के गुम हो जाने, जानकारी की त्रुटियों और अनावश्यक देरी की संभावना बनी रहती थी। PRAVAAH पोर्टल इन सभी समस्याओं का डिजिटल समाधान है, जहां हर कदम प्रणालीबद्ध और सुरक्षित है।

रिज़र्व बैंक का यह निर्णय डिजिटल इंडिया की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जब देश का बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र लगातार तकनीकी नवाचारों की ओर अग्रसर है, ऐसे में नियामकीय कार्यों का डिजिटलकरण एक स्वाभाविक और समय की मांग है। इससे न केवल संस्थाओं की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि रिज़र्व बैंक के लिए भी निगरानी और विश्लेषण करना अधिक प्रभावी हो सकेगा।

RBI ने स्पष्ट किया है कि सभी नियामक संस्थाओं को दिए गए निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। पोर्टल से जुड़े सभी तकनीकी निर्देश, आवेदन प्रक्रिया की जानकारी और अन्य सहायता सामग्री पोर्टल पर उपलब्ध है, जिससे किसी भी संस्था को तकनीकी समस्या न हो। यह भी अपेक्षा की गई है कि सभी संस्थाएं अपने संबंधित कर्मचारियों को PRAVAAH पोर्टल के उपयोग हेतु प्रशिक्षित करें ताकि वे सुचारु रूप से आवेदन प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें।

यह नया दिशा-निर्देश भारत में वित्तीय संस्थानों के लिए एक बड़ा परिवर्तन है, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी दक्षता की दिशा में एक निर्णायक कदम है। लंबे समय से यह महसूस किया जा रहा था कि विभिन्न संस्थाओं के लिए अलग-अलग आवेदन प्रक्रियाओं और माध्यमों के कारण प्रशासनिक बाधाएं उत्पन्न होती हैं, जिससे नीतिगत निर्णयों में भी विलंब होता है। अब PRAVAAH पोर्टल इन बाधाओं को समाप्त करने का प्रयास है।

संक्षेप में कहा जाए तो RBI का यह कदम न केवल आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि यह समग्र वित्तीय प्रणाली को अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी और डिजिटल रूप से सक्षम भी बनाएगा। आने वाले समय में यह पोर्टल नियामकीय प्राधिकरणों और विनियामक संस्थाओं के बीच संवाद और समन्वय के एक मजबूत डिजिटल मंच के रूप में उभर सकता है। नियामकीय प्रक्रिया में दक्षता, पारदर्शिता और गति लाने की दिशा में यह एक अनुकरणीय प्रयास है, जिसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सभी संस्थाएं इस प्रणाली को कितनी तत्परता और सजगता से अपनाती हैं।