भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय साहुगढ़ मधेपुरा का 48वां स्थापना दिवस मनाया गया

कार्यक्रम का शुभारंभ पौधा रोपण कर किया गया फिर सभागार में महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर वक्ताओं ने डाला प्रकाश

मधेपुरा।

शनिवार 01 जून को को भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय साहुगढ़ मधेपुरा के सभागर में यशस्वी प्रधानाचार्य डॉ.अरविन्द कुमार की अध्यक्षता में महाविद्यालय का 48वां स्थापना दिवस मनाया गयाI समारोह का शुभारम्भ वृक्षारोपण से किया गयाI इस अवसर पर स्थापना के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए प्रधानाचार्य डाने कहा-29 मई 1975 को महान डॉ. लोहिया के अनन्य सहयोगी भूपेन्द्र नारायण मंडल के निधन के बाद 2 अक्टूबर 1975 को शिवनंदन प्र. मंडल उच्च विद्यालय, मधेपुरा के प्रांगण में मधेपुरा के सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं शिक्षाविदों ने भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय (कॉमर्स कॉलेज) साहुगढ़-मधेपुरा की स्थापना का संकल्प लिया और 1 जून 1976 को कोशी क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों ने इस कॉलेज की स्थापना का निर्णय लिया। सत्र 1977-79 से इस कॉलेज में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के 21 विषयों में छात्रों के लिए उचित व्यवस्था है। इस महाविद्यालय का मुख्य उद्देश्य कोशी पीड़ित क्षेत्र के वंचित लोगों को उच्च शिक्षा प्रदान करना रहा है और यह महाविद्यालय अपने गौरवशाली इतिहास के साथ विकास की ओर अग्रसर हैI अपनी स्थापना के बाद से ही मेहनती प्राचार्य, विद्वान शिक्षकों और योग्य कर्मचारियों के साथ मिलकर शिक्षा जगत में अपना अलग स्थान बनाया है और इस कॉलेज का लक्ष्य एक आदर्श नागरिक बनाना और स्वर्गीय भूपेन्द्र बाबू के सपनों को साकार करना रहा है Iभूपेन्द्र नारायण मंडल के अनुसार सफल जीवन एवं व्यक्तित्व के लिए शिक्षा आवश्यक है। उनके अनुसार भारतीय समाज में शिक्षा को सबसे पवित्र प्रक्रिया माना जाता है। इस प्रकार शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान नहीं है, बल्कि इसमें हमारा सम्पूर्ण जीवन समाहित है। शिक्षा सामाजिक विकास को कायम रखने का मंत्र है। शिक्षा व्यक्ति के विकास में तर्कसंगत एवं आदर्श मस्तिष्क बनाने में सहायक है, साथ ही शांति, समन्वय एवं सुदृढ़ता का निर्माण करना शिक्षा की मुख्य विशेषता है। प्राथमिक स्तर पर शिक्षा का महत्व पढ़ना, लिखना, सीखना,माध्यमिक स्तर पर चरित्र निर्माण, उच्च माध्यमिक स्तर पर भारतीय समाज को समझना और कॉलेज, विश्वविद्यालय स्तर पर कौशल और ज्ञान प्राप्त करके समाज का मार्गदर्शन करना। छात्रों को यह नहीं भूलना चाहिए कि “मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है। इस कॉलेज का पूर्ण संकल्प है कि “यह संस्थान उस व्यक्ति की प्रसिद्धि के अनुरूप होना चाहिए जिसकी प्रेरणा से इसका जन्म हुआ है।” इस अवसर पर विद्वान- विदुषी शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपने विचार व्यक्त कियेI इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक शोभानन्द शम्भु सहित डॉ० कमलेश कुमार, डॉ० सत्येन्द्र कुमार, डॉ० प्रभाकर कुमार, डॉ० शेफालिका शेखर, डॉ० शंभू राय, हरीश खंडेलवाल, डॉ० धर्मेन्द्र कुमार, डॉ०सरोज कुमार, डॉ० भूषण कुमार, डॉ० मनोज कुमार, डॉ० अरुण कुमार साह, डॉ० रूद्र किंकर वर्मा, डॉ० नीतिशा नयन, श्री गजेन्द्र कुमार, श्री मुकेश कुमार दास, मनीष कुमार, रोमन कुमार, विमल कुमार इत्यादि उपस्थित थेI