समाज जागरण संवाददाता विवेक देशमुख
मस्तूरी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल 2023 से छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण किया जाना है। सर्वेक्षण का उद्देश्य विगत वर्षों में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का जनसामान्य के जीवन स्तर पर पड़े प्रभाव का आकलन कर प्राप्त डाटा का भविष्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन तथा नई योजनाओं के निर्माण हेतु उपयोग किया जाना है। इस प्रशिक्षण में मस्तूरी के सत्कार भवन में मस्तूरी एसडीएम महेश शर्मा,तहसीलदार अभिषेक राठौर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार सिंह लहरें की उपस्थिति में
सत्कार भवन (मंगल भवन) मस्तूरी में सामाजिक/आर्थिक सर्वे हेतु प्रथम एवं द्वितीय चरण का प्रगणक एवम सुपरवाइजरों का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में इन बातों की दी गई जानकारी – 1. जिले में निवासरत ग्रामीण परिवारों का सर्वेक्षण कार्य 30 अप्रैल 2023 तक पूर्ण किया जाना है अतः इस हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत हेतु 01 प्रगणक दल का गठन, जिसमें 01 महिला सदस्य एवं 01 पुरुष सदस्य शामिल हो ऐसे ग्राम पंचायत जहां परिवारों की संख्या अधिक हो वहां आवश्यकतानुसार एक से अधिक प्रगणक दलों का गठन भी किया जा सकता है ।2. प्रगणकों को प्रशिक्षण के दौरान एस.ई.सी.सी. 2011 की सूची प्रधानमंत्री आवास स्थाईप्रतीक्षा सूची, आवास प्लस सूची, राशनकार्डधारी परिवारों की सूची, धान विक्रय का
किसान पंजीयन सूची एवं मनरेगा जॉबकार्ड सूची प्रदाय की जावे ग्राम पंचायत में नियुक्त प्रगणकों की संख्या के आधार पर आवश्यक संख्या में सूचियां पहले से ही तैयार कर ली जावे।3. राज्य स्तर से जिला नोडल अधिकारी / सहायक जिला नोडल अधिकारी का लॉगिन तैयार कर प्रदाय किया जाएगा तत्पश्चात जिला स्तर से जनपद स्तर के नोडल अधिकारी का तथा जनपद स्तर से सुपरवाईजरों का सर्किल आधार पर लॉगिन बना कर उपलब्ध कराया जाना है। 4. जनपद स्तर से रिजर्व सुपरवाईजर का तथा सुपरवाईजर द्वारा ग्राम पंचायतों के लिए रिज़र्व टीम सहित प्रगणक दल का गठन किया जावेगा। 5. मास्टर ट्रेनर्स द्वारा एप लॉग-इन डाटा डाउनलोड एवं फीडिंग तथा सर्वेक्षण का प्रेक्टिकल आदि का प्रशिक्षण सुपरवाईजरों को जिला स्तर पर प्रदान की जाएगी जहां इन्टरनेट की अच्छी सुविधा उपलब्ध हो।6. सुपरवाईजर द्वारा प्रगणक दलों के चयन के समय यह विशेष ध्यान रखा जाये कि दल में शामिल दोनों सदस्यों में से किसी एक सदस्य के पास एन्ड्राईड मोबाईल अनिवार्य रूप से हो। 7. जिला स्तर पर सर्वेक्षण में आने वाली कठिनाईयों के समुचित समाधान हेतु एक टूबल
शूटर की नियुक्ति की जावे जिसे इसी कार्य हेतु स्वतंत्र मोबाईल नंबर प्रदान किया जावे। यदि जिला स्तर पर समस्या का समाधान संभव न हो तो राज्य स्तर पर इस हेतु निर्धारित ट्रबल शूटर से संपर्क किया जा सकेगा । 8. सुपरवाईजर अपने सर्किल के प्रत्येक ग्राम पंचायत का तीन दिन में एक बार दौरा अनिवार्य रूप से करे तथा प्रगणकों के कार्य में आवश्यक सहयोग प्रदान करते हुए यदि कोई समस्या हो तो यथास्थान समाधान का प्रयास करें।
- सुपरवाईजर, प्रगणकों द्वारा किए गये सर्वेक्षण के कम से कम 02 प्रतिशत मामलों में स्वयं उपस्थित रहे तथा कम से कम 10 प्रतिशत कार्यों का सत्यापन सुनिश्चित करें। साथ ही अपनी उपस्थिति एवं सत्यापन वाले प्रपत्रों पर प्रगणक के साथ-साथ हस्ताक्षर भी करें।10. सुपरवाईजर एवं प्रगणकों के मानदेय पर विचार किया जा रहा है, अंतिम निर्णय उपरांत पृथक से अवगत कराया जाएगा। 11. सुपरवाईजर एवं प्रगणकों द्वारा सर्वेक्षित परिवारों से व्यक्तिगत जानकारियां भी प्राप्त किया जाना होगा अतः इन्हें फील्ड में कोई कठिनाई न हो इस उद्देश्य से सभी
सुपरवाईजरों एवं प्रगणकों को एक आई.डी. कार्ड प्रदाय किया जाना चाहिए। 12. जिला / जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला / जनपद पंचायतों का प्रशिक्षण दिनांक 25 मार्च, 2023 के पूर्व रायपुर में आयोजित किया जाना है। में अतः मास्टर ट्रेनर्स का चिन्हांकन तत्काल कर लिया जाये ताकि संक्षिप्त सूचना पर प्रशिक्षण में उपस्थित हो सकें। 13. प्रगणकों के प्रशिक्षण विकासखण्ड मुख्यालय में आयोजित किए जाएं जहां इन्टरनेट की अच्छी कनेक्टिविटी हो तथा प्रशिक्षण के दौरान ही इन्हें एप डानलोड करना, लॉग-इन करना, डाटा एन्ट्री के प्रशिक्षण के साथ ही संबंधित ग्राम पंचायत का डाटा डाउनलोड करा दिया जाए। 14. प्रत्येक प्रशिक्षण में यह सुनिश्चित किया जाए की प्रतिभागियों की संख्या एक बार में 25
से अधिक न हो ताकि सभी प्रतिभागियों को समुचित प्रशिक्षण प्राप्त हो सके । यदि प्रतिभागियों की संख्या अधिक हो तो तद्नुसार अधिक संख्या में प्रशिक्षण आयोजित किए जाएं । 15. सर्वे का संपूर्ण कार्य एप के माध्यम से किया जाना है किंतु समानांतर रूप से प्रपत्र की
जानकारी हार्ड कॉपी में भी दर्ज की जावे तथा प्रपत्र के प्रत्येक पृष्ठ पर प्रगणक एवं सर्वेक्षित परिवार के मुखिया / सदस्य के हस्ताक्षर / अंगूठे का निशान प्राप्त किया जाना चाहिए। 16. यदि किसी गांव में इंटरनेट की समस्या हो तो भी सर्वे की जानकारी एप में ऑफ लाइन मोड में भरी जावे तथा जहां इंटरनेट उपलब्ध हो वहां से जानकारी सिंक की जावे17. यदि किसी कारणवश गांव में एप में जानकारी भरने में कठिनाई हो, तो सारी जानकारी प्रपत्र में भरकर लाना है, और उसे बाद में एप में एन्ट्री करना है, परन्तु सारी जानकारी की एप में एन्ट्री अनिवार्य रूप से करनी है।
सर्वे के दौरान सर्वेक्षित परिवार के मुखिया का फोटो आवास, शौचालय एवं आधार कार्ड एप में अपलोड किया जाना है ताकि किसी योजना के तहत दिए जाने वाले अनुदान हेतु पृथक से दस्तावेजों की मांग करने की आवश्यकता न हो।19. ग्रामीण क्षेत्र के मकानों में प्रायः मकान नंबर नहीं होते, ऐसी स्थिति में मकान की दीवार में गेरू / पेंट / चॉक से मकान नंबर लिखा जाए तथा यह गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए कि उक्त नंबर कम से कम तीन-चार महीनों तक उपलब्ध रहे ।20. जिला स्तर पर सुपरवाईजर का एवं जनपद स्तर पर प्रगणकों के प्रशिक्षण भौतिक रूप
से आयोजित किए जाएंगे, इसके साथ ही राज्य स्तर के प्रशिक्षकों द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है । 21. छ.ग. सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण हेतु परिवार की इकाई राशन कार्ड को तथा सर्वेक्षण हेतु बेसिक डाटा खाद्य विभाग द्वारा बनाए गये राशन कार्ड की जानकारी से प्राप्त किए जाने का निर्णय लिया गया है । तद्नुसार राशन कार्ड का डाटा प्रशिक्षण के दौरान ही
प्रगणकों के मोबाईल में डाउनलोड करवा लिया जाए।22. ऐसे परिवार, जिनके राशन कार्ड नहीं बने हैं, उनकी सूची उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत की होगी । यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में उक्त परिवार सर्वेक्षण में छूटें नहीं। 23. यदि कोई परिवार सर्वेक्षण में भाग नहीं लेना चाहते अथवा जानकारी नहीं देना चाहें तो इस आशय का प्रमाण-पत्र उनसे प्राप्त कर लिया जाये। 24. सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना 2011 के पश्चात परिवार की संख्या में वृद्धि अवश्यंभावी है, ऐसी स्थिति में SECC नंबर की प्रविष्टि एक से अधिक परिवार के प्रपत्र में.
भी की जा सकती है ।25. प्रपत्र हेतु वांछित प्रमाण-पत्र आदि अपरिहार्य कारणों से तत्काल उपलब्ध न होने की स्थिति में भी सर्वेक्षण कार्य न रोकते हुए शेष जानकारी की प्रविष्टि पूर्ण कर ली जावे। 26 प्रगणक एवं सुपरवाईजरों का खाता नंबर, आईएफएससी कोड आदि नियुक्ति के समय ही प्राप्त कर लिया जाए ताकि निर्णय उपरांत शासन स्तर से सीधे ही उन्हें मानदेय का भुगतान किया जा सके।27. किसी ग्राम में सर्वेक्षण का कार्य संपन्न होने के पश्चात ग्रामसभा की विशेष बैठक बुलाकर बैठक में सर्वेक्षण की पूरी जानकारी प्रदान कर ग्रामसभा से अनुमोदन प्राप्त किया जाये।28. प्रत्येक ग्राम से एकत्र सर्वेक्षण प्रपत्रों को उस ग्राम के लिए पृथक फोल्डर बनाकरजनपद पंचायत कार्यालय में सुरक्षित रखा जावे।