आदिवासी कुड़मी समाज के आंदोलन में 17 घंटे थम गया था रेल के पहिए, द्विपक्षीय वार्ता के बाद गुरुवार सुबह आठ बजे जाम हटा


फुलचांद पारित, समाज जागरण, संवाददाता, नीमडीह

नीमडीह (झारखंड), 21 सितंबर 2023 : सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत नीमडीह स्टेशन के निकट तिल्ला रेलवे फाटक के पास आदिवासी कुड़मी समाज द्वारा किए जा रहे रेल चक्का जाम आंदोलन गुरुवार को सुबह वार्ता के बाद समाप्त हो गया। अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था के साथ गुरुवार की सुबह आंदोलनकारियों की वार्ता हुई। वार्ता में समाज की ओर से जयराम महतो, प्रभात कुमार महतो व पद्मलोचन महतो शामिल हुए। वार्ता के बाद बताया गया कि जिले के उपायुक्त ने सरकार के मुख्य सचिव से बैठक के संदर्भ में वार्ता की। उक्त विषय के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा 25 सितंबर को सुबह 10:30 से 11 बजे तक मिलने का समय दिया है। उक्त बैठक में टीआरआई के निदेशक भी उपस्थित रहेंगे। इसके बाद सुबह आठ बजे के बाद आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक से हट गए। आंदोलन का नेतृत्व आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय सह सचिव जयराम महतो, राज्य समिति के अध्यक्ष पद्मलोचन महतो, नीमडीह के ग्राम प्रधान श्यामल महतो, जिला प्रभारी प्रभात महतो, ग्राम प्रधान रघुनाथ महतो, ग्राम प्रधान दीपक महतो, अनुप महतो, रवींद्रनाथ महतो, जलधर महतो, सकलदेव महतो, वासुदेव महतो आदि कर रहे थे।


द्विपक्षीय वार्ता में अपर जिला दंडाधिकारी ने लिखित दिया कि नीमडीह स्टेशन के आसपास लागू धारा 144 क्षेत्र के बाहर तिल्ला फाटक में आंदोलन किया गया। समाज के आंदोलनकारियों के नेतृत्यकर्ताओं और सदस्यों के पर सरकार व रेलवे द्वारा किसी प्रकार की धाराओं के केस लागु न हो। हिरासत में लिए गए सभी प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त छोड़ दिया जाए और किसी प्रकार के धाराओं के साथ केस दर्ज न किया जाए। आंदोलनकरियों द्वारा किसी भी रेलवे संपत्ती का नुकसान नहीं हुआ है। विदित हो कि कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने, कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने और प्रकृति धर्म कोड लागू करने की मांग पर आदिवासी कुड़मी समाज का बुधवार दोपहर करीब तीन बजे से अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन चल रहा था।

पूर्व घोषित आंदोलन के तहत बुधवार को नीमडीह रेलवे स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू किए जाने और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बाद आदिवासी कुड़मी समाज ने एक किलोमीटर दूर तिल्ला रेलवे फाटक के पास दोपहर करीब तीन बजे से रेल चक्का जाम कर दिया था। आंदोलन के दौरान सभी महिला, पुरुष व बुजूर्ग आंदोलनकारी झूमर गीतों पर थिरकते रहे। रात को भी आंदोलनकारी सामूहिक भोजन करने के बाद मांदर व नगाड़ा की थाप पर झूमते-थिरकते रहे। आंदोलन स्थल के आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। रेलवे पुलिस के अलावा जीआरपी व जिला पुलिस के जवान महिला बल के साथ मुश्तैद किया गया था।