न्याय के लिए भटक रहे अहमदाबाद ,बेंगलुरु, चेन्नई ,कोयंबटूर , गुवाहाटी, हैदराबाद, मुंबई, पुणे ,जमशेदपुर, जयपुर,इंदौर, लखनऊ , दिल्ली, नोएडा, लुधियाना,चंडीगढ़, गुड़गांव आदि के सैकड़ों कर्मचारी
सुनील बाजपेई
कानपुर। फर्स्ट फ्लाइट कोरियर प्रबंधकों द्वारा योजना बद्ध तरीके से करोड़ों की संपत्ति बेचने के बाद विदेश भाग जाने से अहमदाबाद ,बेंगलुरु, चेन्नई ,कोयंबटूर , गुवाहाटी, हैदराबाद, मुंबई, पुणे ,जमशेदपुर, जयपुर इंदौर , लखनऊ ,दिल्ली, नोएडा,लुधियाना, चंडीगढ़ और गुड़गांव आदि के सैकड़ों कर्मचारी भुखमरी से जूझने के लिए मजबूर हैं। यही नहीं न्याय का इंतजार करते-करते अब तक दर्जनों कर्मचारी मौत का भी शिकार हो चुके हैं। जबकि उनके आश्रित भी हाल-बेहाल होकर दर-दर की ठोकरें खाते घूम रहे हैं। अब शेष बचे कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए हिंद मजदूर किसान पंचायत लगातार कमर कसे हुए है। उसने भेजे जा चुके दर्जनों के क्रम में एक और पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है, जिसमें कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की मांग की गई है।
विदेश भाग चुकी फर्स्ट फ्लाइट कोरियर कंपनी कंपनी के खिलाफ कई मामले न्यायालय में भी विचाराधीन हैं लेकिन विदेश भाग जाने की वजह से फर्स्ट फ्लाइट कोरियर प्रबंधकों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई भी प्रभावहीन साबित हो रही है। वहीं दूसरी ओर बेरोजगार हुए इन सैकड़ों कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए हिंद मजदूर किसान पंचायत भी लगातार संघर्ष कर रही है।
कर्मचारियों के हित में न्याय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में मजदूर हितों के संघर्ष में अग्रणी हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेश मणि पाण्डेय ने बताया कि इस कोरियर कंपनी के खिलाफ 2022 से लगातार प्रार्थना पत्र भी दिए जा रहे हैं लेकिन उन पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेश मणि पाण्डेय ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह भी बताया है कि फर्स्ट फ्लाइट कोरियर कंपनी के मालिकान तुषार ओम प्रकाश साबू और अन्य निदेशक शर्मीला ओम प्रकाश साबो, राज कुमार साबू , भरत जमनादास , हिम्मत सिंह लगड़ और सुप्रिया राजकुमार अग्रवाल आदि पीड़ित कर्मचारियों की समस्त देनदारियों को लेकर भारत की चल अचल सम्पत्तियों को बेचते हुए या फिर फ्रैनचाईजी में इस्तेमाल करते हुए विदेश भाग गये हैं ,जहां उनका कार्यालय व कार्य भी चल रहा है।
फर्स्ट फ्लाईट के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में वाद भी चलने लेकिन समुचित पते के अभाव में किसी भी तामिली की पुष्टि नहीं हो पाने की भी जानकारी देते हुए श्रमिक नेता राकेश मणि पाण्डेय ने लिखे पत्र में प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया है कि जब आपके लिखे पत्रों को केन्द्रीय श्रमायुक्त को स्थानान्तरित किया जाता हैं ,तब वहां से सेवायोजकों के वर्तमान वास्तविक पते की मांग की जाती है। जबकि कम्पनी के निदेशकों द्वारा भाग जाने पर उन्हें भारत लाने और देश-विदेश की चल अचल सम्पत्तियों को जब्त कर 15 हजार करोड़ से अधिक की देनदारियों को वसूल कर उन्हें पीड़ित कर्मचारियों को देने की सारी जिम्मेदारी भारत सरकार की ही होती है।
लेकिन उसके बाद भी सरकार इस पर कठोरता से कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है ,जिसके फल स्वरुप न्याय का इंतजार करते-करते अबतक सैकड़ों कर्मचारी काल कलवित भी हो चुके हैं और उनके आश्रित बेसहारा होकर दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं।
कई मजदूर आंदोलनों की सफल अगुवाई कर चुके चर्चित श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने बताया कि लिखे पत्र में प्रधानमंत्री को आगे यह भी अवगत कराया है कि वर्ष 2022 से लेकर अब तक सैकड़ो पत्र ई-मेल आपके यानी पीएमओ के साथ-साथ सभी सम्बन्धित अधिकारियों को प्रेषित किये गये हैं। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने फर्स्ट फ्लाइट कोरियर कंपनी के बंद होने से संबंधित कोई भी आधिकारिक पत्र आज तक जारी नहीं किए जाने की भी जानकारी देते हुए बताया कि फ्रैन्चाइजी के आधार पर दूसरों को अधिकृत करते हुए 15 अन्य कम्पनियों के माध्यम से पारिवारिक सदस्यों शर्मीला ओम प्रकाश साबो, राज कुमार साबू , भरत जमनादास ठक्कर , हिम्मत सिंह लगड़ और सुप्रिया राजकुमार अग्रवाल आदि को निदेशक दिखा कर फस्ट फ्लाइट के आय को उसमें स्थानान्तरित भी कर लिया गया है। जिसके खिलाफ न्याय मिलने तक हिन्द मजदूर किसान पंचायत कर्मचारियों की हित में अपना आंदोलन लगातार जारी रखेगी।