दुद्धी में रजिस्ट्रार के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मामला है दर्ज
दैनिक समाज जागरण
दुद्धी/ सोनभद्र। सिविल व दुद्धी बार एसोसिएशन ने सोमवार को बैठक कर उप निबंधन कार्यालय पर भ्रस्टाचार का आरोप लगाया. अधिवक्ताओं ने आक्रोश व्याप्त कर, भ्रष्टाचार के विरुद्ध जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. अधिवक्ताओं का समूह मुंसिफ़ कोर्ट कचहरी परिसर से जुलूस निकालकर तहसील परिसर पहुंची और भ्रस्टाचार के विरुद्ध जमकर नारेबाज़ी की. संयुक्त बार के अध्यक्ष प्रेमचंद यादव, प्रभु सिंह कुशवाहा, जितेंद्र श्रीवास्तव, रामपाल जौहरी, महेंद्र जायसवाल, अरुणोदय जौहरी, राकेश गुप्ता ने विभिन्न मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा और भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की. अधिवक्ताओं ने कहा कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त अधिकारी व अन्य सहयोगी कर्मचारी की मिली भगत से मुहमांगा रकम न देने पर दान पत्र व रजिस्ट्री करने से इनकार किया जाता है.और दान पत्र दस्तावेज पर लिखकर वापस कर दिया जाता है कि बैंक में लोन होने के कारण इसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी. जबकि इसके पूर्व उन्होंने हमेशा बैंक में बंधक अराजी का विक्रय एवं दान पत्र पर्याप्त रकम लेकर रजिस्ट्री किया जाता रहा है. रजिस्ट्री से इनकार करने से उन्होंने दानदाता व सरकार दोनों की क्षति पहुंचाई है.जबकि दूसरा मामला करहिया के बैनामा प्रस्तुत किए जाने पर उसमें प्रस्तुत कर से कहा गया कि आधार कार्ड में खतौनी के नाम से अंतर है. इसका बैनामा नहीं हो पाएगी. समय समाप्त होने के बाद यदि किसी को पंजीकरण करना होता तो कमीशन शुल्क लेकर रजिस्ट्री- बैनामा भी किया जाता है. अलग-अलग मामलों में एक रसीद का पैसा सरकार के कोर्स में गया तथा धोखाधड़ी करके अन्य रुपए को अपने पास में रख लिया जाता है. विकसित ग्रामों का आवासीय भूमि निर्धारित किया गया है.सब रजिस्ट्रार द्वारा मनमानी ढंग से अनुचित धन लेकर कृषक दर पर बैनामा रजिस्टर रजिस्टर्ड कर दिया जा रहा है तथा रजिस्ट्री कार्यालय में मिली भगत कर गुमराह करके गलत ढंग से रजिस्ट्री बैनामा में भारी धन को लक्ष्य बनाकर किया जा रहा है. दुद्धी में रजिस्ट्रार के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मामला भी दर्ज है. चार्जसीट भी न्यायालय में दाखिल है. जिसकी कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है. रजिस्ट्री कार्यालय में अपने निजी व्यक्ति बिचौलियों को रखकर भारी वसूली कराया जा रहा है. मुहमांगा धन नहीं मिलता है, तो उसे दस्तावेज में कई कारण लगा दिया जाता है. गंभीरता पूर्वक ध्यान में रखते हुए दोषी व्यक्तियों को तत्काल प्रभाव से हटाकर जांच कर संतोषजनक कार्रवाई करने की अधिवक्ताओं ने मांग की है. जुलूस के दौरान सैकड़ों अधिवक्ता शामिल रहे।