आर्म्स एक्ट: दोषी भीम पासवान को 10 वर्ष की कठोर कैद

5 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 2 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

  • जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
  • साढ़े 18 वर्ष पूर्व अनपरा पुलिस ने स्टेनगन और कारतूस के साथ किया था गिरफ्तार

सरफुद्दीन ब्लॉक संवाददाता रॉबर्ट्सगंज।

सोनभद्र। करीब 18 वर्ष पूर्व अनपरा पुलिस द्वारा स्टेनगन और कारतूस के साथ गिरफ्तार किए गए भीम पासवान के मामले में वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी भीम पासवान को 10 वर्ष की कठोर कैद व 5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 2 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अनपरा थानाध्यक्ष रामदयाल चौहान 18 जून 2007 को पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में निकले थे कि मुखबिर खास के जरिए सूचना मिली कि एक व्यक्ति मध्यप्रदेश की ओर असलहा और कारतूस लेकर जा रहा है। अगर मौके पर पहुंचा जाए तो वह पकड़ा जा सकता है। इस सूचना पर विश्वास करके पुलिस बल के साथ पहुंचा तो पुलिस को देखकर जंगल झाड़ी की ओर भागने लगा, जिसे पुलिस वालों ने दौड़ाकर पकड़ लिया। तलाशी लेने पर उसके कब्जे से स्टेनगन और 10 कारतूस बरामद हुआ। जिसे रखने का उसके पास कोई लाइसेंस नहीं था। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम पता भीम पासवान पुत्र मुरली पासवान निवासी बुटबेढवा, थाना विंढमगंज, जिला सोनभद्र बताया। इसपर पुलिस ने आर्म्स एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर भीम पासवान पुत्र मुरली पासवान निवासी बुटबेढवा, थाना विंढमगंज, जिला सोनभद्र के विरुद्ध विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी भीम पासवान को 10 वर्ष की कठोर कैद व 5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 2 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।

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