IDFC First Bank के शेयरों पर लगाएं दांव, कारोबारी ग्रोथ और एनपीए की यह रह सकती है स्थिति

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के ब्रैंड वैल्यू के बारे में वैद्यनाथन ने कहा, “हमारा ब्रांड बहुत मजबूत है और हम इस बात से बहुत खुश हैं.”

शेयर बाजार के कई एक्सपोर्ट मिडकैप बैंक में निवेश कर कमाई करने के लिहाज से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर खरीदने की सलाह देते हैं. अगर आप भी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर खरीद कर कमाई करना चाहते हैं तो आज बैंक के एमडी एवं सीईओ वी वैद्यनाथन की बातचीत से बैंक के आगामी कामकाज और कारोबारी ग्रोथ के बारे में समझ सकते हैं. वैद्यनाथन ने कहा है कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का टारगेट यह है कि इसका ग्रॉस एनपीए कभी भी 2 फ़ीसदी से ऊपर नहीं जाए. इसके साथ ही बैंक ने टारगेट सेट किया है कि इसका नेट एनपीए 1 फीसदी से ऊपर कभी नहीं जाए.

बैंक इस फार्मूला पर काम कर रहा है. वैद्यनाथन ने कहा है कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से पहले कैपिटल फर्स्ट के पास कई तरह के कारोबार थे. इसमें रियल एस्टेट, ब्रोकरेज, मनी मैनेजमेंट आदि शामिल थे.

बैंक लाइसेंस मिल जाने के बाद आईडीएफ़सी फर्स्ट बैंक ने बैंकिंग कामकाज पर अपना पूरा फोकस लगा दिया है. आईडीएफसी फर्स्ट का कैपिटल फर्स्ट से मर्जर हुआ है. देश में मौजूद सभी नियम का पालन कर यह मर्जर किया गया है.

वैद्यनाथन ने कहा है कि देश में फाइनेंस कंपनी के मामले में रिलायंस कैपिटल या डीएचएफ़एल जैसे केस से कैपिटल फर्स्ट बैंक सबक लेकर आगे बढ़ रहा है. बैंक का अब तक का काम काज शानदार रहा है और बोर्ड मीटिंग में उठने वाले सवालों का तसल्ली पूर्वक जवाब दिया जा रहा है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के आंकड़ों पर हमेशा सफाई से जवाब दिया जाता है.

लगातार छह तिमाही में नुकसान दर्ज करने के मामले पर वैद्यनाथन ने कहा, “IDFC बैंक की अच्छी छवि है, लोग बैंक का सम्मान करते हैं और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास बैंकिंग लाइसेंस है. बैंक के कामकाज में सामान्य उतार-चढ़ाव आता रहता है और इसकी वजह से बैंक का प्रबंधन कभी यह नहीं सोचता कि उसके कामकाज में कोई समस्या है.”

यह सच है कि बैंक के कुछ फैसले नुकसान देह रहे हैं जिसमें वोडाफोन को ₹3200 करोड़ का दिया गया कर्ज शामिल है. इसमें बैंक के लिए नुकसान जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन कुछ समय तनावपूर्ण जरूर बीता है.

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के ब्रैंड वैल्यू के बारे में वैद्यनाथन ने कहा, “हमारा ब्रांड बहुत मजबूत है और हम इस बात से बहुत खुश हैं.”

भारत में बहुत कम बैंक ऐसे हैं जिनका 3 साल से अधिक समय तक करंट अकाउंट सेविंग अकाउंट डिपॉजिट रेश्यो 50% से ऊपर रहा है. एक बात और है कि बैंक के कारोबार में भले नुकसान हो रहा हो, लेकिन लोगों का बैंक पर भरोसा कायम है. लोगों को लगता है कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का एक अच्छा संस्थान है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बारे में लोगों में छवि यह है कि बैंक ईमानदारी से काम करता है और अपने आंकड़ों को साफगोई से रखता है.