भ्रष्ट अशिष्ट निरंकुश अधिकारियों को जब बिहार सरकार का ही संरक्षण प्राप्त हो तो अनहोनी पर आश्चर्य नही होना चाहिए – बीजेपी नेता रामानुज पाण्ड़ेय* ।

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*कहते हैं लोकतंत्र में जनता मालिक है किंतु खासकर बिहार की जनता मालिक नही दास से भी बदतर स्थिति में है*

अनिल कुमार मिश्र संवाददात्ता, औरंगाबाद (बिहार)

औरंगाबाद (बिहार) ,14 अगस्त 2022:- किसी भी परिस्थिति में कानून को हाथ मे लेना गलत है ,अपराध है। किन्तु भ्रष्ट अशिष्ट निरंकुश अधिकारियों को जब सरकार का ही संरक्षण प्राप्त हो तो अनहोनी पर आश्चर्य नही होना चाहिए।
कहते हैं लोकतंत्र में जनता मालिक है किंतु खासकर बिहार की जनता मालिक नही दास से भी बदतर स्थिति में है।
इससे कोई भी असहमत नही हो सकता और इसके लिए नीतीश सरकार ही जिम्मेदार है। उक्त बातें.भारतीय जनता पार्टी औरंंगाबाद के पूर्व जिलाध्यक्ष रामानुज पाण्डेय ने कही।

श्री पाण्ड़ेय ने बिहार – सरकार के माननीय मुखिया ,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कड़ी प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए कहा नीतीश कुमार के शासन में अधिकारी मामले को निष्पादन के जगह जनता के साथ बतमीजी करते है और मामलें को निष्पादित करने की माँग करने पर मनगढ़ंत मुकदमा दर्ज कराकर निर्दोष व बेगुनाह जनता “जो फरियाद में न्याय की गुहार लगा रहे हैं उन्हें” जेल भेज रहे है
श्री पाण्डेय ने औरंंगाबाद जिले का हसपुरा प्रखंड़ में सीओ द्वारा फरियादी युवक के साथ बतमीजी की कारित घटना तथा झूठे व मनगढ़ंत मुकदमा में युवक को जेल भेजने की घटना को कड़ी आलोचना टरते हुए कहा इस घटना को जितनी भी निंदा की जाये, वह बहुत ही कम होगा, हसपुरा की घटना की निष्पक्ष जाँच की हम माँग करते हैं।
श्री पाण्ड़ेय ने कहा बिहार-सरकार राज्य के सभी थाना सहित हर सरकारी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगवाए और आवेदनों पर कार्यवाई की जाँच औऱ निगरानी हो तथा
जिले से नियुक्त प्रखंड अंचल के प्रभारी अधिकारी इसकी साप्ताहिक समीक्षा करें एवं लापरवाही बरतने वाले कर्तव्यहीन अशिष्ट अधिकारी एवं कर्मियों पर त्वरित कार्यवाई करें।

श्री पाण्ड़ेय ने कहा जिले के हसपुरा प्रखंड़ में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है जो किसी भी सूरत में नही होना चाहिए। राजद पर हमला बोलते हुए श्री पाण्ड़ेय ने कहा राजद ने तो अपना पल्ला भी झाड़ लिया कि वह युवक उनका कार्यकर्ता ही नही है।
परन्तु वह युवक इस जिले का निवासी तो है और यदि वह अपना किसी निजी समस्या को लेकर परेशान था तो विधिसम्मत हल निकाला जाना चाहिए था। किसी भी समस्याग्रस्त जनता के समाधान के लिए जनता के कर पर ही पूरी प्रशासनिक महकमा कार्य कर रही है।अतः समाधान करना प्रशासन का उत्तरदायित्व बनता है। समय पर समस्या का समाधान न करना कर्तव्यहीनता है और न्याय में बिलम्ब स्वयं ही अन्याय है। हलाकि युवक को भी सयंम से काम लेना चाहिए था और समाधान के लिए उच्चाधिकारियों से सम्पर्क करना चाहिए था।

श्री पाण्ड़ेय ने कहा यह घटना इस बात की ओर स्पष्ट इंगित करता है कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने अलोकतांत्रिक औऱ गैर जिम्मेदार प्रशासनिक व्यवस्था को अपने संरक्षण में बढ़ावा दिया है,उस भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था के विरुद्ध जनाक्रोश बढ़ रहा है।
ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए संवेदनशील जिम्मेदार औऱ पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करना जरूरी है। अन्यथा बिहार की जनता तो ऐसे ही कुशासन से त्राहिमाम कर रही है।