दूषित पर्यावरण के लिए सरकार और जनता दोनो दोषी : डॉ शारदा शर्मा

दैनिक समाज जागरण अनील कुमार संवाददाता नबीनगर (औरंगाबाद)

नबीनगर (बिहार) 5 जून 2024 आज के दिन पुरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है आज से 52 पूर्व 5 जून 1972 को संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा स्टॉकहोम सम्मेलन किया गया था जिसमे पर्यावरण संरक्षण पर गहनता से विचार करते हुए पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था और पहली बार 5 जून 1974 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य था कि पुरी दुनिया प्रदुषण से जुझ रही है,चाहे वायु प्रदुषण,वायुमंडलीय प्रदूषण,जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण या फिर ई वेस्ट से होने वाले प्रदूषण हो सभी से मुक्त करना था, लेकिन आज और ज्यादा ही प्राकृतिक से खिलवाड़ किया जा रहा है जिसका कारण है कि लोग बेहाल और दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। विश्व पर्यावरण दिवस पर मानवाधिकार फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ शारदा शर्मा ने कहा कि अपने देश में बिगड़ते पर्यावरण के लिए सरकार और जनता दोनों दोषी है। एक तरफ सरकार को रेवेन्यू दिख रही है तो दूसरी तरफ जनता अपनी स्वार्थ मे डूबी हुई है। धड़ल्ले से पेड़ पौधे काटे जा रहे हैं जंगलों का अस्तित्व समाप्त होते जा रहे हैं, पहाड़ तोड़े जा रहे हैं तथा नदी से बालू निकाल कर जल स्तर नीचे गिराए जा रहे हैं। डॉ0 शर्मा ने कहा कि औरंगाबाद जिले के जनता पीने की पानी को लेकर त्राहिमाम कर रही है तो वही श्री सिमेंट फैक्ट्री जमीन से पानी निकाल कर अपनी फैक्ट्री में उपयोग कर रही है साथ ही पूरे जिला को प्रदुषित कर रही है।इस पर जिला प्रशासन और न ही सफेद पोस नेता,मंत्री ही सुधी ले रहे हैं। डॉ शर्मा ने कहा कि सुधार के लिए एनजीटी को पत्र लिखा है और अन्य विभाग को भी पत्र लिखा जा रहा है।वही विश्व पर्यावरण दिवस डॉ शर्मा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हम सभी को जीवित रहना है और आने वाले पीढ़ियों को सुरक्षित रखना है तो शपथ लेना होगा कि प्रत्येक व्यक्ति 5 पांच पांच पेड़ अवश्य लगाएंगे।