मधेपुरा/डा. रूद्र किंकर।
सूबे में भष्ट्राचार और अपराध की जड़ें मजबूती से फैल रहीं हैं। जिसका खात्मा करनें में सरकार विफल साबित हो रहीं हैं। उक्त बातें कोसी व सीमांचल के युवा नेता साहिल सौरभ ने प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार में कोसी व सीमांचल काफी पिछड़ा इलाका हैं। इस इलाके के लोग स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जीवन स्तर के मामले में काफी पीछे हैं। बेरोजगारी के कारण युवाओं, मजदूरों व किसानों को रोजी- रोटी के तलाश में दूसरे प्रदेश पलायन करना पड़ रहा हैं। यहीं वजह है कि यहां से एक बड़ी आबादी दूसरे राज्यों में असंगठित क्षेत्र में मजदूरी करने को मजबूर हैं। विकास के नाम पर लूट की खुली छूट हैं। पुलों का टूटना, सड़क, नाला, चबूतरा, चाहरदीवारी बनने के कुछ ही दिनों में जर्जर होना, सरकार के विकास के दावें को खोखला साबित कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि हर घर नल का जल योजना में अरबों खर्च के बावजूद हालत खास्ता बनी हुई है। आज भी कोसी व सीमांचल के गरीब, किसान व मजदूर चापाकल के लौहयुक्त पानी पीने को मजबूर है। मनरेगा योजना की हाल से सभी वाकिफ है। मजदूरों के नाम पर राशि की बंदरबांट होती हैं। आवाज उठाने वालों को धमकी देकर शांत करा दिया जाता है। शराब तस्करी का बड़ा नेटवर्क फैला हुआ हैं। इस कार्य में युवाओं के साथ पढ़ने वाले बच्चों- बच्चियों का भविष्य खराब हो रहा है। शराबबंदी के बाद भी प्रत्येक वर्ष जहरीली शराब से मौत की खबरें आतें रहती हैं। जिसमें मौत के सही आंकड़े को छिपाकर काफी कम दिखाई जाती हैं। साहिल सौरभ ने कहा कि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार बीते वर्ष 2020 में प्रदेश में खराब औधोगिक विकास और निराशाजनक रोजगार के अवसरों के लिए बिहार के भौगोलिक स्थिति को जिम्मेदार बताया था। इसके बाद मुख्यमंत्री बिहार में विकास की किरणें तेज होने की बातें कहकर जनता को धोखा दे रहें हैं। इसका जवाब जनता ने देना शुरू कर दिया है। पुर्णिया लोकसभा व रुपौली विधानसभा उपचुनाव में जनता ने सत्ताधारी पार्टी को मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बड़े स्तर बिहार विकसीत होने की बातें कहतीं हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि बिहार की तकदीर और तस्वीर बदलने में बिहार के एनडीए सरकार नाकाम साबित हो रहें हैं।