पटना में सीएम ने किया पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ पटना स्थित ‘संवाद’ सभागार में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद से जुड़े प्रतिनिधियों का शिष्टमंडल उपस्थित था। बैठक का उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों की विभिन्न मांगों पर चर्चा करना और उनके समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाना था। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कई आवश्यक घोषणाएं कीं, जो राज्य में पंचायती राज को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब ग्राम पंचायत के मुखिया 10 लाख रुपये तक की मनरेगा योजनाओं को स्वीकृति दे सकेंगे। पहले यह सीमा 5 लाख रुपये थी, जिससे विकास कार्यों में सीमित गति थी। इस निर्णय से अब पंचायतें अधिक प्रभावी रूप से स्थानीय विकास कार्यों को स्वीकृत और लागू कर सकेंगी। एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा में मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों के मासिक भत्ते को डेढ़ गुना बढ़ाने का आदेश दिया। यह कदम पंचायत प्रतिनिधियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उनके कार्यों के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि इस वर्ष चुनाव से पहले राज्य की सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन तैयार कर लिए जाएंगे। अभी तक 1069 नए भवनों को मंजूरी दी जा चुकी है और उनके निर्माण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी जाएगी। इससे पंचायतों को प्रशासनिक स्तर पर अधिक स्वतंत्रता और संसाधन मिल सकेंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायत प्रतिनिधियों के शस्त्र अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) से संबंधित आवेदन समय पर निपटाए जाएंगे। इसके लिए जिलाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं, ताकि कोई अनावश्यक देरी न हो और प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अब तक आकस्मिक मृत्यु पर ही पंचायत प्रतिनिधियों को अनुग्रह अनुदान मिलता था, लेकिन मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सामान्य मृत्यु पर भी यह सहायता राशि दी जाएगी। इसके अंतर्गत प्रतिनिधियों को 5 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। बीमारी की स्थिति में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से इलाज की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि अब त्रिस्तरीय पंचायतें विभागीय स्तर पर 15 लाख रुपये तक की योजनाओं को स्वयं लागू कर सकेंगी। इससे योजनाओं को स्वीकृत कराने में लगने वाला समय कम होगा और स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों को तेजी से क्रियान्वित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने 2006 में पंचायती राज और 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को दिए गए 50% आरक्षण की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने महिलाओं को न केवल नेतृत्व का अवसर दिया, बल्कि समाज में व्यापक बदलाव की नींव भी रखी। महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से पंचायत व्यवस्था अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी बनी है। बैठक में मौजूद पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इन घोषणाओं का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त और कारगर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की। बैठक में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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