गिरिडीह के अवर निबंधक सहदेव मेहरा को बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने बताया घूसखोर*


*सीएस से की जांच और निलंबन की मांग*

संजय सिंह, ब्यूरो चीफ सह प्रभारी,समाज जागरण,
दक्षणी छोटा नागपुर प्रमंडल,

राँची (झारखंड ) 20अप्रैल 2023:-
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह के अवर निबंधक सहदेव मेहरा को घूसखोर बताया है. साथ ही मुख्य सचिव, झारखंड से उनके कार्यकाल की जांच कराने की मांग की है. कहा है कि इससे पता लगेता कि वे अपने पद का किस तरह दुरूपयोग कर रहे हैं. साथ ही करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है. इस संबंध में मुख्य सचिव सहित राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, झारखंड को भी चिट्ठी लिखी है. इसके जरिये सहदेव मेहरा के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने और इसकी जाँच कराकर दोषी पाए जाने पर निलंबित करने का भी आग्रह किया है.

*क्या है लेटर में*

बाबूलाल मरांडी ने सीएस को लिखे पत्र में कहा है कि गिरिडीह जिला अवर निबंधक सहदेव मेहरा काले कारनामे में लिप्त हैं. इस सम्बन्ध में गिरिडीह निवासी किशन कुमार सिन्हा एवं इन्द्रजीत यादव से उन्हें एक आवेदन मिला जो वे इस पत्र के साथ संलग्न कर उन्हें प्रेषित कर रहे हैं. सहदेव मेहरा, तत्कालीन जिला अवर निबंधक, राँची द्वारा संजीवनी बिल्डकॉन द्वारा जमीन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक थे. इन्होंने निबंधक पद पर रहते हुए जमीन माफियाओं को गलत तरीके से जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ कर संजीवनी बिल्डकॉन को फायदा पहुँचाया. सैकड़ों लोगों द्वारा जमीन खरीदने हेतु जमा राशि को हड़प लिया था. इसकी जाँच C.B.I कर रही है. इस मामले में सहदेव मेहरा जेल भी गए. अभी जमानत पर हैं. अपने पद पर रहते हुए सहदेव ने रजिस्ट्री ऑफिस लूट का अड्डा बना दिया था. करोड़ों की सम्पत्ति अवैध रूप से अर्जित की है जिसकी जाँच भी चल रही है. कानून की पेंचिदगियों का लाभ उठाकर पुनः पद पर आसीन हैं. वर्तमान में ये जिला निबंधक गिरिडीह के पद पर पिछले 2.5 वर्षों से काबिज हैं.

*लोगों ने भी की है शिकायत*

क्षेत्र भ्रमण के दौरान गिरिडीह के लोगों ने उनसे मिलकर इनके भ्रष्ट कारनामों की शिकायत की है. बिना मोटा कमीशन लिए किसी की भी जमीन रजिस्ट्री नहीं करते हैं. हद तो तब हो गई है जब आवेदक किशन कुमार सिन्हा एवं इन्द्रजीत यादव बेंगाबाद थाना संख्या 20 अन्तर्गत खाता नं0- 14, प्लॉट नं0-303, रकवा – 30 डिसमिल जमीन का निबंधन सरकारी प्रावधान के अनुरूप शुल्क माकर सभी सही कागजात के साथ कराया. निबंधन कराने जब कार्यालय पहुँचे तो मेहरा ने निबंधन के एवज में एक लाख रूपये घूस माँगा. क्रेता द्वारा इससे इंकार करने पर उन्हें कार्यालय से धक्का देकर निकाल दिया. SC/ST एक्ट में फँसाने की धमकी दे डाली. यहाँ तक कहा कि जब तक घूस की रकम नहीं दोगे, तब तक रजिस्ट्री नहीं करेंगे. जहाँ जाना है, जाओ. यह सब बात वीडियो रिकॉर्डिंग में भी है, जो सभी अखबारों में प्रकाशित भी हुआ है. जब यह समाचार मीडिया के सुर्खियों आ गया तो अपने को बचाने के लिए जमीन क्रेता पर झूठा एवं मनगढ़ंत आरोप लगाकर केस भी दर्ज करा दिया है. क्रेता का सब कुछ सही रहते भी आज तक निबंधन नहीं किया गया है.