दलित मुक्ति मिशन के तत्वावधान में नहीं चाहिए नल का जल- कुवां व चापाकल का ही पानी दे सरकार*


दैनिक समाज जागरण
ब्यूरो चीफ उमाकांत साह

बांका/चांदन/सोमवार 17 अक्टूबर 2022, ज्ञान भवन कड़वामारन में सामाजिक सुरक्षा मंच के तत्वावधान में क्षेत्र स्तर पर एक दिवसीय लाभुक बैठक सह सरकारी योजना क्षमतावर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों ने अपने अपने गाँव की समस्याओं को प्रस्तुत किया। निम्नलिखित समस्याओं को विश्लेषण के आधार पर मुख्य मुद्दा के रूप में तीन बातें सामने आयी। पहला कि सभी गांव में नल जल योजना के तहत केवल बोरिंग और सेड खड़ा है। कहीं भी पानी नहीं मिला है। कुवां और चापाकल बहुत पुराने हो गए हैं। अभी भी पेयजल नहीं मिल रहा है लोगों नें एक स्वर से कहा मुझे नहीं चाहिए नल का जल-कुवां व चापाकल का ही पानी दे सरकार। हमलोग नलजल के चक्कर में गंदगीदार व बदबूदार पानी पीने पर मजबूर हैं। दूसरा बात कि आंगनवाड़ी केंद्र पर नियमतः पोषक तत्व युक्त पका भोजन और नहीं तो सूखा राशन ही मिल रहा है और तीसरी बात यह कि जनवितरण प्रणाली के दुकान में खाने लायक अनाज नहीं मिल रहा है। कार्यशाला में कुसुमजोरी पंचायत के कटहराकुरा गाँव के टिपन दास ने बताया कि आजादी के बाद से सरकार के द्वारा कोई काम नहीं किया गया है। गाँव के पहल पर किसी तरह बिजली का तार पहुंचा है, किन्तु सम्पर्क रोड, कोई भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, नाली, चबूतरा आदि कुछ नहीं बना हुआ है। कार्यक्रम में कुसुमजोरी, दक्षिण वारने, उतरी वारने तथा झाझा प्रखंड के टेलवा बाजार के विभिन्न गाँव लगभग 65 लोग शामिल हुए हैं। कार्यक्रम में निर्णय लिया गया कि उक्त सभी समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित अधिकारी विशेष रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीडीपीओ, सीओ चांदन से प्रतिनिधि मंडल के द्वारा छठ के बाद सामाजिक सुरक्षा मंच के नेतृत्व में मांग पत्र सौंपा जायेगा। 15 दिन के अंदर माँग पूरी नहीं होने पर प्रखंड व जिला स्तर चरणबध तरीके से आंदोलन किया जायेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता सामुदायिक नेता बालो पुझार ने किया जबकि संचालन सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता देवी तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रशिक्षक कार्तिक जी के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का सुभारम्भ दलित मुक्ति मिशन के निदेशक महेंद्र कुमार रौशन नें किया। अपने बक़तब्यों में बताया कि खुद की जानकारी के अभाव तथा संबंधित कर्मचारी-पदाधिकारीयों के लापरवाही व उदासीनता के कारण लाभुकों को योजना लाभ अपेक्षाकृत कम मिल रहा है। साथही जानकारी के अभाव में लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं।