परिवार की कुशल मंगल कामना के लिए व्रतियों ने माँ विपद तारिणी की पूजा अर्चना ।

व्रतियो के अलावे परिवार को भी माँ विपद तारिणी सुरक्षा के घेरे मे रखते है — कन्हाई ठाकुर

दैनिक समाज जागरण प्रखण्ड संवाददाता विपुल गोस्वामी फतेहपुर जामताड़ा( झारखण्ड)
फतेहपुर प्रखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत पंचायत सिमलाडंगाल ग्राम सिमलाडंगाल बंगाली टोला (जोरडीहा )में माँ काली मन्दिर परिसर में एंव विभिन्न मंदिरों में व्रती महिलाओं ने विधि विधान पूर्वक पुरोहित के माध्यम से मां विपद तारिणी पूजा अर्चना की।फतेहपुर प्रखण्ड के बात करे तो व्रती व श्रद्धालुओं ने पूजा – अर्चना की जिसमे पुरोहित ने पूजा उपरांत बताया कि विपद तारिणी पूजा देवी शक्ति को समर्पित एक शुभ पवित्र उपासना अराधना है। जो देवी काली की भी अभिव्यक्ति करती है। विपद तारिणी पूजा, रथ यात्रा के बाद और बहुदा रथ के यात्रा से पहले हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष के विशेष करके मंगलबार और शनिवार के दिन ही किया जाता है। समाज की महिलाओं द्वारा विशेष तौर पर श्रद्धापूर्वक मा विपद तारिणी हर साल मनाया जाता है। नैवेद्य के रूप में देवी को प्रसन्न करने के लिए 13 प्रकार के फल, फूल, और मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। देवी की पूजा गुड़हल के फूल से की जाती है, जो सौभाग्य लाता है। विपद तारिणी अर्थात संकट उलझन को पार करने वाली माँ।
व्रत करने वाली व्रती महिलाएं अपने बाएं हाथ में तेरह गांठों के साथ लाल रंग का पवित्र धागा मे धूप घास जोड़ कर पहनती और परिवार को पहना कर नमन करती हैं। पुरुष को वह चढाया धागा दांया हाथ मे पहनाते हैं परिवार के अलावे परिजन को भी पहनाया जाता है । इस दौरान मंदिरों में पुजारी द्वारा माँ विपद तारिणी की व्रत कथा भी सुनाई जाती है। प्रचलित मान्यता यह है कि जो लोग पर्व का पालन करते हैं उन्हें देवी विपद तारिणी का आशीर्वाद प्राप्त होता है ।और वे परिवार को सभी प्रकार के आपद विपद और संकटों से बचाने में सक्षम होंगे ये देवी पूजा अराधना का फल है। तारिणी देवी की पूजा-अर्चना की देवी माँ को 13 प्रकार के फल, 13 प्रकार के फूल,13 पुरी, लाल धागे तथा दूर्वा घास से पूजा की गई जो विधि विधान से परिपूर्ण होता है। लाल धागा एवं दूर्वा को लोगों ने एक दूसरे के हाथ में बांधकर देवी से आराधना किया कि उनके तथा उनके परिवार पर किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं आए वहीं महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर अपना तथा अपने सुहाग की रक्षा की कामना की
फतेहपुर के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भारी संख्या में आगमन रहा विपद तारिणी देवी की पूजा की गई ।इस अवसर पर चंडी पाठ का आयोजन भी किया गया काफी संख्या में भक्तों ने देवी मंदिर में पहुँचकर आशीर्वाद ग्रहण किये ।