धनकुबेर इंजीनियर मामला:छापे से 1 दिन पहले शिक्षा विभाग में भी मुख्य अभियंता बनाए गए थे वीरेंद्र

संजय सिंह, ब्यूरो चीफ सह प्रभारी,
दक्षणी छोटा नागपुर प्रमंडल,रांची
दैनिक समाज जागरण
राँची 26 फरवरी 2023

धनकुबेर इंजीनियर मामला:छापे से 1 दिन पहले शिक्षा विभाग में भी मुख्य अभियंता बनाए गए थे वीरेंद्र रांचीएक दिन पहले छापे से 1 दिन पहले शिक्षा विभाग में भी मुख्य अभियंता बनाए गए थे वीरेंद्र राम। रसूख ऐसा कि दो प्रमुख विभागों के साथ तीसरे का भी प्रभार ईडी की गिरफ्त में आए ग्रामीण कार्य और जल संसाधन विभाग के धनकुबेर चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम का प्रशासनिक व राजनीतिक गलियारे में इतना रसूख था कि उन्हें शिक्षा विभाग का भी चीफ इंजीनियर बना दिया गया था, लेकिन इसी बीच ईडी ने उनके ठिकनों पर छापेमारी कर दी। नतीजतन शिक्षा विभाग में नियुक्ति टल गई। सूत्रों का कहना है कि छापेमारी के एक दिन पहले राम की नियुक्ति शिक्षा विभाग के चीफ इंजीनियर के पद पर हो गई थी। जिस दिन छापेमारी हुई उसी दिन उन्हें अपना पदभार ग्रहण करना था, लेकिन नहीं ले पाए। सूत्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अन्तर्गत झारखंड शिक्षा परियोजना पर्षद में करोड़ों रुपए की योजनाएं होती हैं। इसलिए राम को वहां का भी प्रभार दे दिया गया था। इसकी स्वीकृति ऊपर से मिलने के बाद विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया था, लेकिन राम के दिल्ली, रांची, बिहार के सीवान और जमशेदपुर में कुल 24 ठिकानों पर ईडी की रेड होने के बाद प्रभार अटक गया।मोटे कमीशन के लिए छोटी योजनाओं की पैकेजिंग की, 20% तक वसूली की आरईओ में वीरेंद्र राम का एक छत्र राज था। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी-छोटी योजनाओं के टेंडर पर रोक लगा दी थी। छोटे ठेकेदारों ने इसका विरोध भी किया। इसके बावजूद राम ने छोटी योजनाओं की पैकेजिंग करके उसे बड़ा बना दिया, ताकि एक साथ मोटा कमीशन मिल सके। विभाग से जुड़े ठेकेदारों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मुख्य अभियंता स्तर पर करीब 5% कमीशन और कार्यालय सहित ऊपर के अफसरों व नेता तक करीब 15 प्रतिशत खर्च करना पड़ता था। एल-1 वाले कांट्रेक्टर को रिजेक्ट कर एल-2 या एल-3 वाले ठेकेदार को काम देकर वीरेंद्र निजी हित साधता था।
गिरफ्तारी से 30 से अधिक ठेकेदारों के करोड़ों रुपए फंसे, ठेका पर भी संकट ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़े 30 से अधिक ठेकेदारों के करोड़ों रुपए फंस गए हैं। दरअसल, चालू वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री सड़क योजना के करीब 1500 करोड़ रु. की योजना का टेंडर निकाला जा चुका है। टेंडर लेने के लिए वीरेंद्र राम व कुछ नेताओं से जुड़े ठेकेदारों ने करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया। जब ईडी ने राम को गिरफ्तार किया तो पैसा दे चुके ठेकेदारों की सांस फूल रही है। एक ठेकेदार ने बताया कि वह खुद तो बर्बाद हुआ कई ठेकेदारों को भी ले डूबा। जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी और भी कई इंजीनियर व कई वरीय अफसर भी फंसेंगे। जिन योजनाओं का ठेका होना है वह भी प्रभावित होगा।
हमारी टीम ने जब सचिव से बात की तो सचिव ने कहा- पोस्टिंग के लिए नाम था पर प्रभार नहीं लिया
शिक्षा विभाग में मुख्य अभियंता की पोस्टिंग के लिए राज्य सरकार के पास तीन नाम भेजे गए थे। इसमें वीरेंद्र राम को मुख्य अभियंता का अतिरिक्त प्रभार देने के प्रस्ताव पर स्वीकृति बनी थी, लेकिन उन्होंने प्रभार नहीं लिया था। – के.रवि कुमार, शिक्षा सचिव