यह वारदात करीब डेढ़ दशक पहले 30 सितंबर 2009 को आनंद विहार इलाके स्थित एक पेट्रोल पंप के बाहर घटित हुई थी. दरअसल, विनीत शर्मा नामक एक युवक अपने चचेरे भाई हिमांशु और कुछ दोस्तों के साथ अपनी कार में पेट्रोल भरवाने के लिए इस पेट्रोल पंप में पहुंचा था. इसी दौरान, हिमांशु कार से उतरा और पंप के आउट लेट से कोल्ड ड्रिंक पीने लगा. कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद हिमांशु दुकान के बगल में निवृत्त होने लगा, जिसका पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने विरोध किया.
इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया. झगड़े में एक तरफ, पेट्रोप पंप का मालिक और कर्मचारी थे, वहीं दूसरी तरफ हिमांशु और उसके दोस्त थे. इसी झगड़े में आरोपियों ने हिमांशु को गोली मार दी. वारदात में हिमांशु की मौके पर ही मृत्यु हो गई. आनंद विहार थाना पुलिस ने इस बाबत आईपीसी की धारा 302 और 34 के तहत मामला दर्ज कर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इस वारदात में शामिल संजय सिंह नाम का आरोपी बड़ी चालाकी से पुलिस की गिरफ्त से बच कर निकल गया.
स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक के अनुसार, 2014 में इस वारदात में शामिल अन्य सभी आरोपियों को सजा सुना दी गई, लेकिन हिमांशु की हत्या का आरोपी संजय सिंह आनंद विहार थाना पुलिस की गिरफ्त से बाहर बना रहा. जिसके बाद, पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की तफ्तीश स्थानीय पुलिस से लेकर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की ट्रांसयमुना रेंज को सौंप दिया गया. स्पेशल सेल ने हत्या के आरोपी संजय सिंह की धरपकड़ के लिए स्पेशल टीम का गठन कर उसकी तलाश शुरू कर दी.