डोले पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे काशी के कोतवाल, यात्रा की अगुवाई करेंगे किन्नर भूत प्रेत और संत महंत*


वाराणसी। काशी कोतवाल बाबा कालभैरव चार दिसंबर को डोले पर सवार होकर काशी का जायजा लेने निकलेंगे। जन्मोत्सव के तीन दिनी आयोजन के दौरान बाबा की भव्य डोला यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान बाबा के दर्शन को काशीवासी उमड़ते हैं।
जन्मोत्सव आयोजन के दौरान पांच दिसंबर को अष्ट भैरव पूजन होगा। वहीं जन्मोत्सव महाआरती मध्य रात्रि 12 बजे होगी। तीसरे दिन छह दिसंबर को भक्तों में प्रसाद वितरण के लिए भंडारा लगाया जाएगा। सभी आयोजन बड़ी पियरी चौखंडी वीर स्थित बाबा श्री कालभैरव के मंदिर से किया जाएगा। चार दिसंबर की दोपहर 12 बजे बाबा कालभैरव की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा में हाथी, घोड़ा, ऊंट, बैल, लाग विमान, काली प्रतिमा, औघड़ स्वरूप भूत प्रेतों की टोली, पंचदेवता स्वरूप अष्ट भैरव झांकी, निशान ध्वज आदि होंगे। शोभायात्रा के मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद गिरी होंगे। उनके साथ संत-महंत भी रहेगे। शोभायात्रा की अगुवाई किन्नरों की टोली करेगी।
बाबा का होगा अन्नकूट श्रृंगार
बाबा विश्वनाथ की नगरी में उनका दर्शन तभी सफल माना जाता है जब भक्त भूतों के संघ के नायक बाबा भैरवनाथ का दर्शन करते हैं। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को देवाधिदेव महादेव की क्रोधाग्नि से प्रकट बाबा भैरवनाथ का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। इस वर्ष पांच दिसंबर को भैरव प्राकट्योत्सव को महाभैरवाष्टमी के रूप में मनाया जाएगा। कज्जाकपुरा स्थित लाट भैरव मंदिर में विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। शाम के वक्त बाबा का भव्य अन्नकूट श्रृंगार होगा। सांध्यकालीन महाआरती के साथ ही पाक्षिक अष्टमी पूजन किया जाएगा