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विदेश दौरे के दौरान नेपाल ,भूटान,मलेशिया, थाईलैंड व इंडोनेशिया स्थित भगवान बुद्ध के मंदिरों में भी किया है पौधरोपण: ट्री मैन डॉ कौशल
हैदानगर /पलामू/, झारखंड
भगवान गौतम बुद्ध के जन्मदिन पर हैदरनगर देवी मंदिर परिसर में सोमवार को विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद ट्री मैन डॉ कौशल किशोर जायसवाल उनके धर्मपत्नी सह संस्था के प्रधान सचिव व डाली बाजार के मुखिया पूनम जायसवाल भाई सत्येंद्र प्रसाद व सुचित कुमार, बहू गीता देवी व अल्पना देवी बहन चिंता देवी व अन्य लोगों के साथ मां भगवती के प्रांगण में सत्यनारायण भगवान का कथा श्रवण कर वृक्ष देव की पूजा कर पौधरोपण किया। उन्होंने पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ प्रांगण में हिमाचल के कपूर और कर्नाटक का चंदन के पौधा लगाकर उपस्थित लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मत्रों की शपथ दिलाया। वर्ष 2005 में उन्होंने सभी देवस्थलों पर पौधरोपण करने का अभियान चलाया था। पुनः 20 वर्षों के बाद भगवान बुद्ध की जयंती पर देवी धाम परिसर पहुंचकर पूजा अर्चना के बाद पौधरोपण किया।
भगवान गौतम बुद्ध के जन्मदिन पर दुनिया के तमाम लोगों को शुभकामना देते हुए कहा कि भगवान गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी और ज्ञान बिहार के बोधगया पीपल पेड़ के नीचे व उपदेश का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के बनारस सारनाथ एवं मृत्यु उत्तर प्रदेश के कुशीनगर समाधि स्थल पर तो पौधा लगाया ही बल्कि नेपाल, भूटान, बर्मा, मलेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया में उनके चाहने वालों के बीच जाकर भी उनके मंदिर प्रांगण में पौधा लगाया है। वहीं मंदिर के पुजारी को जीवन रूपी पौधा दान कर उन्हें सम्मानित किया है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के मैनपाट में स्थित भगवान गौतम बुद्ध के मंदिर में भी पूजा अर्चना किया है।
बनराखी मूवमेंट के प्रणेता डॉ कौशल ने कहा कि भगवान बुद्ध की जयंती मानना तभी सार्थक होगा जब सभी लोग उनकी भावनाओं के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा पीपल का पौधा लगाएंगे। क्योंकि पीपल पेड़ के नीचे ही उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। पीपल लगाने से धरती व ब्रह्मांड की 84 लाख योनी जीवो की सुरक्षा होगी क्योंकि उन्होंने उपदेश में कहा है किअहिंसा परमो धर्म। अहिंसा ही भगवान बुद्ध का पहला उपदेश था।
मौके पर प्रदीप जायसवाल सत्येंद्र दुबे, सत्य सिंह, कौशल उपाध्याय, संतोष प्रजापति,आदि लोग शामिल थे।
