नालंदा में सूखे की पड़ी मार तो वैकल्पिक खेती की तैयारी में जुटा विभाग,जरूरत से काफी कम बारिश के कारण नालंदा में बन गया सूखे जैसी स्थिति

दैनिक समाज जागरण मुन्ना पासवान ब्यूरो चीफ नालंदा (बिहार शरीफ)

नालंदा में सूखे जैसी स्थिति बन गयी हैं. बीतते समय के साथ खरीफ की खेती चौपट हो रही है. नौबत यह कि अबतक महज 28 फीसद बिचड़ा तैयार हुआ है.
वहीं, चंडी के महकार गांव में इस सीजन में पहली बार रोपनी का खाता खुला है.
अन्य प्रखंडों में रोपनी की शुरुआत नहीं हुई है. किसान आसमान निहार रहे हैं. पड़ रही मौसम की मार के बीच किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कृषि विभाग अब वैकल्पिक खेती की तैयारी में जुट गया है. आकस्मिक फसल योजना के तहत खाली रह गये खेतों में मक्का (संकर),अरहर, तोरिया, सरसों(अगात), मटर (अगात) व धान (प्रमाणित), मडुआ और सब्जियों की खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. राहत यह भी कि इन फसलों का बीज सौ फीसद अनुदान पर किसानों को सरकार देगी.
एक किसान को अधिकतम दो वैकल्पिक फसलों के बीज दो एकड़ के लिए दिया जाएगा. सूबे के वैसे जिलों को योजना में शामिल किया जाएगा जो सुखाड़/बाढ़ से प्रभावित होंगे. डीएओ के माध्यम से खाली रह गये खेतों का पहले सर्वे कराया जाएगा, उसके बाद बीज की मांग की जाएगी. बिहार राज्य बीज निगम (बीआरबीएन) जिला को बीज मुहैया कराएगा.

पहले किसानों का चयन फिर मिलेगा बीजयोजना लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनका निबंधन कृषि विभाग के पोर्टल पर हो चुका है. किसानों का चयन कृषि समन्वयक द्वारा पंचायतवार किया जाएगा. खास यह भी कि चयनित किसान ही वैकल्पिक खेती के बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे. ध्यान यह भी देना है कि जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य का 16 फीसद अनुसूचित जाति व एक फीसद अनुसूचित जनजाति के किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.
पिछले साल 11 प्रखंडों में हुई थी वैकल्पिक खेतीबिहारशरीफ. पिछले साल भी मौसम की मार नालंदा के किसानों पर पड़ी थी. 11 प्रखंडों के चयनित गांवों के 5633 हेक्टेयर में वैकल्पिक खेती के लिए किसानों को बीज मुहैया कराया गया था. हालांकि, जिला स्तर पर मक्का, कुल्थी, तोरिया, मटर, पालक और मूली की खेती के लिए बीज की मांग की गयी थी. लेकिन, मक्का, मटर और मूली का बीज ही जिला को मुहैया कराया गया था.
राहत अनुदान पर हाइब्रिड बीज भी किसानों को मिलेंगेबिहारशरीफ.
अनुदान पर अबतक किसानों को सबौर श्री, स्वर्णा सब-वन और राजेन्द्र मंसूरी वेरायटी का बीज दिया जा रहा था. बीज लेने के प्रति किसानों की रुचि कम दिख रही थी. राहत यह कि अब हाइब्रिड बीज भी धरती पुत्रों को मिलेगा. 20 क्विंटल हाइब्रिड बीज जिला को बीआरबीएन द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है. प्रखंडवार लक्ष्य तय कर जिला से बीज प्रखंडों को भेजा जा रहा है. उम्मीद है कि एक से दो दिनों में किसान हाइब्रिड बीज अनुदान पर ई किसान भवनों से ले सकेंगे. बीज के लिए अबतक जिले के करीब 66 हजार किसानों ने आवेदन दिया है. लेकिन, महज 1177 किसान ही 325 क्विंटल बीज ले गये हैं.