बढ़ रहा है नशे का करोबार, युवाओं की जिंदगी के परिवार हो रहे है बर्बाद

अजमल हसन दैनिक समाज जागरण अफजलगढ क्षेत्र नशे में डूबी दुनिया को पर्दे पर उतारा गया है इसमें दिखाया गया है कि नशे के चंगुल में फंस कर किस तरह लोग बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। इन दिनों कुछ ऐसा ही गांव/ शहर के युवाओं में देखने को मिल रहा है। शहर की युवा पीढ़ी में तेजी से नशे की लत फैल रही है. वहीं जवान हो रही पीढ़ी (12 से 20 साल) में नशे की लत तेजी से फैल रही है। यह नशा शराब या सिगरेट का नहीं है,बल्कि गांजा,स्मैक और नशीली दवाओं का है। इस तरह का नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। कई का तो मनो चिकित्सालयों में इलाज भी चल रहा है, वहीं इस नशे के आदि होने के बाद से क्षेत्र में क्राईम भी बढ़ते जा रहे है। क्षेत्र में युवा पिढ़ी द्वारा नशे के ज्यादा आदि हो जाने के बाद से क्षेत्र में चोरी, लूटपाट, मारपीट जैसी घटना लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं अब क्षेत्र में चंद रुपयों के कारण युवाओं चोरी करते नजर रहे है। क्षेत्र में पिछले दो वर्षों के आकड़े देखे जाये तो क्षेत्र में हुई चोरी, लूटपाट सहित वारदातों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के आरोपी थे।
आसानी से मिल जाती है स्मैक की पुडिय़ा
गांव/शहर के युवाओं के लिए स्मैक खरीदना आसान सी बात है, लेकिन कानून व्यवस्था से जुड़ी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं कि अवैध स्मैक का कारोबार शहर में कहां और किस तरह हो रहा है। अन्य क्षेत्र के हर गांवों में युवाओं स्मैक तस्कर स्मैक बेचते है। एवं अब स्थिति यह बन गई है । शहर की रगों में नशा बसता जा रहा है। दिनों दिन नशे की जड़ें मजबूत होती जा रही हैं। कभी चोरी छिपे बिकने वाले नशे का सामान, आज धड़ल्ले से बिक रहा है। स्मैक के धुएं से जवानी सुलग रही और नशीले इंजेक्शन नशों में उतारे जा रहे हैं। शहर की गली-गली में नशे के दीवाने झूमते दिख रहे हैं। सुनसान स्थानों पर स्मैक और नशीले इंजेक्शन लगाते देखे जा सकते हैं। नशे के आदी युवाओं की बर्बादी का मंजर खुलेआम शहर में चलता जा रहा है। वही शहर में सबसे ज्यादा युवाओं के अंदर स्मैक व टूयब का नंशा फैल रहा है। जो युवाओं के परिवारों को बर्बादी की ओर ले जा रहा है। कई स्थानों पर हो रही स्मैक की बिक्री युवाओं को बर्बाद कर रही है। महंगा नशा नशेड़ी के साथ ही पूरे परिवार को तबाह कर रहा है। नशे की चपेट में आए युवा 50 रुपए से लेकर 100 रुपए तक स्मैक की एक खुराक पीते पीते सब कुछ लुटने के बाद 10 रुपए के इंजेक्शन और नशीली गोलियों से नशे की प्यास शांत कर रहे हैं।
कुछ दिनों में हो जाते है नशे के आदि
स्मैक ,ट्यूब ,नशीली गोलियां का नशा युवाओं के दिलो दिमाग पर इस कदर छा जाता है कि 15 दिन में ये इसके आदी हो जाते हैं। इसकी तलब मिटाने के लिए स्मैकची को जैसे-तैसे स्मैक का जुगाड़ करना पड़ता है। स्मैक नहीं मिलने पर युवाओं में गुस्सा होना, झगड़ा करना इत्यादि आदतें सामान्य हो जाती है। ऐसे में महंगे नशे का शौक पूरा करने के लिए कई युवा अपराध की राह चुन रहे हैं।