भारत के प्रत्येक राष्ट्रीय नागरिक है, लेकिन प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीय नही है।

समाज जागरण डेस्क

भारत के प्रत्येक राष्ट्रीय व्यक्ति नागरिक है लेकिन प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीय नही है। भारतीय संविधान मे नागरिकता तो है लेकिन राष्ट्रीयता गायब है। भारत मे आये दिन उपज रहे अनेकों समस्या के पीछे जो मूल कारण है वह है संविधान से राष्ट्रीयता का गायब होना। नागरिकता के लिए सरकार ने कानून बनाये है उसके अनुसार आप नागरिक पा सकते है जो कि दुनिया के देशों मे समय समय पर बदलते रहते है। लेकिन राष्ट्रीयता तो भारत भूमि के प्रति समर्पण है, मातृभूमि के प्रति समर्पण है। जो लोग देश मे वंदे भारत नही बोल सकते, राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान नही करते यहाँ के संविधान का सम्मान नही करते क्या ऐसे लोग भारत के राष्ट्रीय है। राष्ट्रीय , नागरिकता और संविधान पर आयोजित विशेष चिंतना संगोष्ठी मे इतिसकार एवं प्रवुद्ध वक्ता श्री कृष्णानंद सागर शर्मा ने अपने संबोधन मे कहा कि:—–

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