विदाई समारोह आयोजित

न सफलता से इतराएं और न ही असफलता से घबराएँ। हर पल अपने जीवन का उन्नयन करने का प्रयास करें और समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें: डा. सुधांशु

मधेपुरा ।

परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर अपना मूल्यांकन नहीं करें। न सफलता से इतराएं और न ही असफलता से घबराएँ। हर पल अपने जीवन का उन्नयन करने का प्रयास करें और समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें। ये बातें दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ. सुधांशु शेखर ने कही। वे रविवार को गणित विभाग द्वारा आयोजित विदाई समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

डाॅ. शेखर ने कहा कि हमें सफलता एवं असफलता दोनों ही परिस्थितियों में विवेक से काम लेना चाहिए। वास्तव में सफलता कोई वैल्यू नहीं है, सफलता कोई मूल्य नहीं है। सफल नहीं सुफल होना चाहिए। एक आदमी बुरे काम में सफल हो जाए, इससे बेहतर है कि एक आदमी भले काम में असफल हो जाए। सम्मान काम से होना चाहिए, सफलता से नहीं। हमें हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मानव जीवन सर्वोपरि है और इसे हमें किसी भी परिस्थिति में व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में प्रगति के लिए उसके प्रति लगाव होना जरूरी है। विद्यार्थियों को पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ पढ़ाई करनी चाहिए और ज्ञान प्राप्ति के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए। हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि सफलता में निरंतर प्रयास एवं अभ्यास की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय का गौरवपूर्ण इतिहास है और महाविद्यालय के गणित विभाग ने भी की उपलब्धियां प्राप्त की हैं।‌ यहां नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन होता है और प्रत्येक बैच के छात्रों के लिए दीक्षारंभ एवं विदाई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

इसके पूर्व अतिथियों को अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। विद्यार्थियों को उनका प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया। कई विद्यार्थियों ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए।

इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर दीपक कुमार राणा, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, बरूण, प्रिंस, सुमन, धीरज, सौरभ, राजीव, मोनू, प्रभाष, प्रवीण, गौरव, प्रिया, पूजा, कन्हैया आदि उपस्थित थे।