समाज जागरण रंजीत तिवारी
रामेश्वर वाराणसी
मौसम का मिजाज आये- दिन बदल रहा है सुबह तेज धूप ने जहां लोगो को परेशान रहा है। तो वही दोपहर बाद आसमान में काले बादल दिखाई पड़ जाते हैं। इस मौसम के उठा -पटक से किसनो की धड़कनें बढ़ जा रही हैं खेतों में पककर तैयार गेहूं की फसल को सहेजने की चिंता उन्हें सताने लगी है यदि बारिश हुई तो सबसे अधिक गेहूं की फसल प्रभावित होगी जिन किसानों ने कटाई कर ली है अब वह मड़ाई कर अनाज घर में रखने लगे हैं। सरसों फसल के मड़ाई के बाद किसान अब गेहूं की कटाई एवं बधाई में जोरों शोर से जुटे हुए हैं। बरेमा के किसान आदित्य तिवारी सूर्य बली यादव,का मानना है कि कही बदलते मौसम में तेज हवा के साथ कहीं बारिश हो गई तो सबसे अधिक गेहूं की फसल प्रभावित होगी हल्की बारिश पर भी गेहूं के दाने भीग जाएंगे जिससे फसल की गुणवत्ता में कमी आएगी और गेहूं के दाने काले पड़ जायेगे। किसान लालचंद का कहना है कि बार-बार बदलते मौसम से किसान चिंतित है रात दिन लगकर गेहूं की फसल को समेटने में लगे हैं महंगी लागत से गेहूं की फसल तैयार हुई है बाजार का रेट भी ठीक है लेकिन किसानों को मौसम आए दिन बदलना परेशान कर रहा है किसानों ने अब गेहूं की थ्रेसिंग दिन रात शुरू कर दी है जिससे वह जल्द अपनी फसल को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा सकें। भले ही उन्हें इस एवज में मजदूर और थ्रेशर मशीन मालिकों को अधिक पैसा करने का भुगतान पड़े वही किसान,कौशल पटेल, फुलाजर पटेल के अनुसार थोड़ी सी लागत बढ़ाकर किसी प्रकार से फसल को समेटने में किसानों का फायदा अधिक और नुकसान कम है।