जिले में नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम

अररिया प्री टीएएस क्वालिफाई कर टीएएस फेज में पहुंचने वाला राज्य एक मात्र जिला

अररिया ।

जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है। ऐसा लगता है मानो वो दिन दूर नहीं जब अररिया का नाम देश के गिने-चुने फाइलेरिया मुक्त जिलों की सूची में शुमार हो. गौरतलब है कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्री ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे प्री-टीएएस फेज को क्वालिफाई कर ट्रांसमिशन अस्समेंट सर्वे फेज में पहुंच चुका है। ये उपलब्धि हासिल करने वाला अररिया राज्य के गिने-चुने जिलों की सूची में शामिल है. इस वर्ष फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ट्रांसमिशन अस्समेंट फेज में पहुंचने वाला अररिया राज्य के एक मात्र जिला है. लिहाजा जिला स्वास्थ्य विभाग इसे अपनी एक बड़ी कामयाबी मानता है. जिला में ट्रांसमिशन अस्समेंट सर्वे सफल होने के बाद ये फाइलेरिया इलीमिनेशन फेज में पहुंच जायेगा। और फाइलेरिया मुक्त जिला के रूप में प्रमाणीकरण प्राप्त करने में सक्षम होगा। इससे पहले गया जिला ट्रांसमिशन अस्समेंट सर्वे फेज में डिस्क्वालिफाई हो चुका है. लिहाजा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग ट्रांसमिशन अस्समेंट सर्वें फेज की सफलता सुनिश्चित कराने के प्रयासों में अभी से जुट चुका है.
गौरतलब है कि जून 2023 में फाइलेरिया के संभावित मरीजों की खोज के लिये संचालित नाइट ब्लड सर्वे अभियान में चिह्नित किसी साइट पर फाइलेरिया के 01 प्रतिशत मरीज नहीं मिले. महज रानीगंज के धामा पंचायत में फाइलेरिया के 02 मरीज मिले थे. जो निर्धारित मानक 01 प्रतिशत से कम था. इसके बाद जिला प्री ट्रांसमिशन अस्समेंट सर्वे में पहुंच गया. दिसंबर 2023 में दोबारा जिले व्यापक पैमाने पर नाइट ब्लड सर्वे अभियान संचालित किया गया. इसमें जिले के चिह्नित 33 साइट पर कुल 10 हजार 153 लोगों का रक्त नमूनों की जांच में फाइलेरिया के एक भी संभावित मरीज नहीं मिले. इस महत्वपूर्ण उपलब्धी के साथ ही अररिया इस वर्ष ट्रांसमिशन अस्समेंट सर्वें फेज में पहुंचने वाला राज्य का एक मात्र जिला है.