महागामा विधानसभा से भाजपा में टिकट लेने वालों के लिए एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ

समाज जागरण मनोज कुमारसाह
गोड्डा

: महागामा विधानसभा में एक ओर जहां आगामी विधानसभा चुनाव की प्रशासनिक तैयारी जोरों पर है। वहीं दूसरी ओर विभिन्न पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा भी चुनाव की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। यहां कांग्रेस का कब्जा है। दीपिका पांडे सिंह पहली बार विधायक और हाल के दिनों में मंत्री भी बन गई हैं। उनकी ओर से क्षेत्र का सघन दौरा, विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का शिलान्यास लगातार जारी है।पार्टी की ओर से भी विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बूथ स्तरीय कमेटी का गठन,सत्यापन और बैठक का दौर जारी है। कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने के टिप्स दिए जा रहे हैं।वहीं दूसरी ओर भाजपा में महागामा विधानसभा से टिकट को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। अब तक किसी का नाम प्रत्याशी के रूप में कंफर्म नहीं होने से कार्यकर्ताओं के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है। हलांकि पार्टी की ओर से टिकट को लेकर कार्यकर्ताओं से रायसुमारी भी की जा चुकी है।कई लोगों द्वारा टिकट के लिए अपनी-अपनी दावेदारी भी पेश कर दी गई है। टीकट के प्रबल दावेदारों में पूर्व विधायक अशोक कुमार भगत, जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा,नितिश ओझा,पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रिया सिंह पटेल,राजेश उपाध्याय, अशोक सिंह,बद्री भगत सहित कई के नाम सामने आ रहे हैं। इसमें कई संभावित प्रत्याशियों द्वारा टिकट पाने की चाह में पूरे विधानसभा में बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर भी लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अब तक टिकट प्राप्त करने वालों में पूर्व विधायक अशोक कुमार भगत का नाम सबसे आगे चल रहा है। कार्यकर्ता से लेकर आम आदमी तक का कहना है कि कांग्रेस से इस सिट को भाजपा से अशोक कुमार भगत हीं वापस ले सकते हैं।दुसरा कोई नही।वह तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। उन्हें क्षेत्र का काफी अनुभव है। क्षेत्र में कार्यकर्ता और आम लोगों के बीच उनकी काफी अच्छी पकड़ भी है। उनके कार्यकाल में क्षेत्र का काफी हद तक विकास भी हुआ है, जो आज भी दिख रहा है। पार्टी की ओर से आयोजित सभी प्रकार के कार्यक्रम में भी वह बढ़-चढ़कर भाग लेते आए हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकती है।
इसके अलावा टिकटार्थियों की लंबी फेहरिस्त में जिला अध्यक्ष संजीव मिश्रा, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष नीतीश ओझा, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रिया सिंह पटेल का भी नाम जुड़ गया है। इन लोगों की ओर से पार्टी कार्यालय में आवेदन देकर अपनी दावेदारी पेश कर दी गई है। हालांकि पार्टी संगठन में इनके अनुभव को देखते हुए इसे खारिज नहीं किया जा सकता है।
नीतीश ओझा के बारे में कहा जाता है कि गत लोकसभा चुनाव में उन्हौंने डाक्टर निशिकांत दुबे को जिताने में काफी मेहनत किया है।
इधर आवेदन के साथ सौंपे गए बायोडाटा के अनुसार प्रिया सिंह पटेल कुर्मी जाति से आती हैं। वष॔ 1997 में इन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और तभी से लगातार पार्टी संगठन के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन सफलतापूर्वक करती आ रही हैं। वर्तमान में झारखंड प्रदेश भाजपा की विशेष आमंत्रित सदस्य भी हैं। इन्हें गैर सरकारी संस्था विकास भारती में कार्य करने का अनुभव है तथा भारत सरकार के संगठन राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान के पांच दिवसीय प्रशिक्षण का भी अनुभव प्राप्त है। यह प्रदेश महिला मोर्चा प्रभारी भी रही हैं। ऐसे में इनके दावे को सीधे-सीधे खारिज नहीं किया जा सकता है।