समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ बिहार की राजधानी पटना के मनेर थाना क्षेत्र में दोस्ती को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। मोबाइल को लेकर हुए विवाद में तीन दोस्तों ने अपने ही साथी की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को साक्ष्य मिटाने के इरादे से गंगा नदी में फेंक दिया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। मृतक की पहचान झारखंड के गुमला जिले के रहने वाले सूरज उरांव उर्फ उमेश के रूप में हुई है। वहीं, गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम राजेश उरांव, राम उरांव और सुखरू उरांव हैं। ये सभी आरोपी और मृतक पटना के मनेर क्षेत्र के दरवेशपुर स्थित एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते थे। पुलिस के अनुसार, सूरज और उसके तीन दोस्तों के बीच किसी मोबाइल को लेकर झगड़ा हुआ था। बहस इतनी बढ़ गई कि विवाद मारपीट में बदल गया। तीनों आरोपियों ने मिलकर सूरज पर हमला कर दिया और बेरहमी से उसे ईंट से कूच-कूचकर मार डाला। हत्या के बाद शव को छिपाने के लिए उन्होंने गंगा नदी में फेंक दिया ताकि पुलिस को सबूत न मिल सके। घटना की सूचना मिलते ही मनेर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। हालांकि, अब तक सूरज का शव बरामद नहीं हो सका है। पुलिस ने शव की तलाश के लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम को बुलाया है, जो गंगा नदी में शव खोजने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा, फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची है, ताकि अन्य साक्ष्यों की जांच की जा सके। मृतक सूरज उरांव के परिवार को घटना की जानकारी दे दी गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस निर्मम हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी है। लोग हैरान हैं कि महज मोबाइल जैसी छोटी-सी बात पर कोई इतना बड़ा अपराध कर सकता है। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है। आरोपियों से यह भी पूछा जा रहा है कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी या यह अचानक गुस्से में किया गया अपराध था। इसके अलावा, शव की बरामदगी पर पुलिस का पूरा फोकस है, क्योंकि बिना शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं बन पाएगी, जिससे हत्या की सही वजह और चोटों की विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। यह घटना दिखाती है कि गुस्से और आपसी झगड़े में लोग किस हद तक जा सकते हैं। एक मामूली विवाद की वजह से तीन युवकों ने अपने ही दोस्त की जान ले ली और खुद को भी जेल की सजा के रास्ते पर धकेल दिया। यह घटना समाज को यह सीख देती है कि किसी भी विवाद को हिंसा के बजाय बातचीत और समझदारी से सुलझाना चाहिए, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं न हों।