Aastha : बाली गांव में 11 व 12 को मड़ही पूजा*

*

*परमसत्ता का विधिवत ब्रह्म मुहूर्त में होती है विशेष पूजा-अर्चना


*वारिसलीगंज (नवादा) (अभय कुमार रंजन)।* प्रेम, भाईचारा और सद्भाव का प्रतीक मड़ही पूजा 11 व 12 अक्टूबर को होगी। वारिसलीगंज प्रखंड अन्तर्गत शाहपुर पंचायत के बाली ग्राम में प्रत्येक वर्ष दशहरा उत्सव के बाद कार्तिक द्वितीया को मड़ही पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर जाति, धर्म, उंच नीच की दीवारें ढह
जाती है ,और सभी लोग एक छत
के नीचे एकत्रित हो मड़ही पूजा
के आनंद से सराबोर हो जाते है।
इस दौरान दूर दराज से हजारों लोग आकर पूजा अर्चना करते हैं, चादर
चढ़ाते और मनौतियां मांगते हैं और पूरा करते हैं। पूजा को लेकर ग्रामीणों सहित अगल बगल के गांव के लोगों में उल्लास का माहौल है।
1974 से होती चली आ रही इस प्रेम पूजा में परमसत्ता का विधिवत ब्रह्म मुहूर्त में आह्वान किया जाता है। तत्पश्चात पूजा कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाता
है। इस अवसर पर जिनकी मन्नतें पूरी होती है वे मुंडन संस्कार करवाते हैं।
मड़ही पूजा पर आगंतुकों के लिए
लंगर की विशेष व्यवस्था की गयी है। व्यवस्थापक देवाश्रय कुमार चंचल ने बताया कि पूजा की तैयारी की जा रही है जिससे की अतिथियों को कष्ट नहीं हो।
11 अक्टूबर को सुबह
ब्रह्ममुहूर्त में परमसत्ता का विधिवत आवाह्न किया जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से बीते दो वर्षों में जो लोग मड़़ही दर्शन से वंचित रहे वे लोग भी इसबार बाली आनेवाले हैं।

गीत संगीत और कव्वाली
की रहेगी व्यवस्था

दो दिनों के कार्यक्रम में गीत संगीत और कौव्वाल की व्यवस्था रहेगी। कव्वाल में पुरुष पक्ष गया से तथा महिला पक्ष कानपुर से बुलाया गया है। इसके अलावा स्थानीय लोगों तथा श्रद्धालुओं द्वारा भी भजन कीर्तन
का कार्यक्रम किया जायेगा।
देवाश्रय चंचल ने कहा कि लोग पूर्णिमा से ही दर्शन के लिए बाली आना शुरू कर देते हैं। व्यवस्थापक के अलावा पूजा की तैयारी में खपुरा के मन्नू सिंह, पकरीवरावां के विभूति
वारसी, ग्रामीण बमबम कुमार, शंकर कुमार, संतोष कुमार, अनिल कुमार, चंदन कुमार, अनिकेत कुमार आदि
विशेष रूप से सक्रिय हैं।