समाज जागरण
अनूपपुर
लगभग । महीने से जिले भर में मोजर वेयर पावर प्लांट और चचाई पावर प्लांट के फ्लाईऐश से भरे हाइवा वाहनों कोरोकना तो दूर टोकना भी पसंद नही यातायत पुलिस को ।अनूपपुर जिले में मोजर बेयर पावर प्लांट जैतहरी एवं चचाई पावर प्लांट से फ्लाई एस लोड कर भारी वाहनों में परिवहन किया जा रहा है। ऐसे भारी वाहन यमदूत बनकर सड़कों पर बेखौफ ढंग से दौड़ रहे हैं जिसके कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जिस कारण जनता और जनप्रतिनिधि के बीच में आक्रोश है आक्रोश का मुख्य कारण उक्त वाहनों की यमदूत की तरह तेज रफ्तार है इसके चपेट में अब तक दो जिंदगी मौत के गाल में समा चुकी है तो कई अपने हाथ पैर की मरहम पट्टी कराकर आराम कर रहे हैं। इसके बाद जनप्रतिनिधि और जनता को यहीं राहत नहीं मिल रही है जिस सड़क पर 25 टन से ऊपर के वाहन चलना प्रतिबंध है उन सड़कों पर भी 40 टन और 45 टन फ्लाईऐश लेकर यह वाहन दौड़ रहे हैं जबकि उक्त वाहनों की क्षमता 34 टन से ज्यादा नहीं है और यह सब कुछ जानते हुए भी जिले का परिवहन विभाग यातायात विभाग और स्थानीय पुलिस खामोश है। इसके पीछे की कहानी का जब पता करने की कोशिश की गई तो यह सच निकल कर सामने आया कि आम जनता और जनप्रतिनिधि की आवाज पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय थाना प्रभारी को इसलिए सुनाई नहीं पड़ रही है कि उनके सामने नजराने के रूप में या हर महीने लाखों की कमाई हो रही है। और इसका हिस्सा सभी जिम्मेदारी को भेजा जाता है।चचाई ताप गृह चचाई आर्य एनर्जी रेउला तीन पावर प्लांट है जिसमें सबसे ज्यादा क्षमता या कहा जाए की फ्लाईऐश की निकासी मोजर बेयर पावर प्लांट से होती है वैसे तो इस पावर प्लांट में कम से कम सी हाइवा वाहन इस कार्य में लगे हैं लेकिन इनकी संख्या 130 से लेकर 150 तक भी पहुंच जाती है दूसरे नंबर पर ताप विद्युत गृह चचाई का नंबर आता है जहां काम से कम 25-30 तो ज्यादा से ज्यादा 50 तक हाइवा इस कार्य में लगते हैं तो वही आर्य एनर्जी में इनकी संख्या 25 से 30 तक सीमित रहती है इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि जिले में काम से कम 200 हाइवा वाहन फ्लाईऐश का परिवहन जरूर करते हैं अगर एक हाइवा वाहन प्रति माह 5 हजार भी मान लिया जाए तो यातायात थाने की कमाई प्रति माह कम से कम एक लाख रुपए होती है तो वही सूत्रों का दावा है कि राखड़ के वाहनो से थाना यातायात की लगभग एक लाख तीस हजार से एक लाख पचास हजार के वसूली की जाती है। यही मुख्य कारण है कि जिले की यातायात को व्यवस्था के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार यातायात पुलिस फ्लाई ऐश से ओवरलोड हाइवा वाहन को रोकना तो दूर यहां की यातायात पुलिस टोकना या देखना भी नहीं चाहती चाहे यह जितनी मनमानी तानाशाही के साथ परिवहन और यातायात विभाग के नियमों की धन्जिया उड़ाते हुए सड़कों पर यमदूत का दूसरा नाम बन चुके हैं।
कोतमा, जैतहरी, चचाई और भालूमाड़ा पुलिस लेती नजराना
पावर प्लांट मोजर बेयर जैतहरी, आर्य एनर्जी और पावर प्लांट चचाई के लगभग सौ हाइवा चाहन इस समय कोतमा थाना अंतर्गत चल रहे हैं मोजर बेयर पावर लांट के 50 हाइवा चचाई पावर प्लांट के लगभग 25 हाइवा वाहन पैरीचुआ वही आर्य एनर्जी के 25 हाइवा गढ़ी में फ्लाईऐश लेकर आ रहे हैं यही नहीं मोजर बेयर पावर प्लांट के हरड़ में जाने वाले ओवरलोड फ्लाई ऐश से भारी वाहन भी कोतमा थाना अंतर्गत गोविंदा से होते हुए भालूमाहा जा रहे हैं इस तरह से अगर यह कहा जाए की पावर प्लॉट के फ्लाईऐश के भारी वाहन इस समय कोतमा थाने के लिए सोने की मुर्गी बने हैं तो गलत नहीं है अगर प्रति वाहन 500 की भी बात की जाए तो कोतमा थाने की इन वाहनों से अवैध वसूली प्रतिमाह लगभग 90 हजार हो रही है इसी प्रकार जैतहरी थाना को अवैध वसूली लगभग 1 लाख तो वही चचाई थाने की 50 हजार वही फुनगा पुलिस चौकी 30 हजार अनूपपुर कोतवाली 40-50 हजार जबकि भालूमाड़ा की लगभग 30 हजार अवैध वसूली राखड़ से भरे वाहनो से हो रही है। प्रतिदिन की अवैध वसूली या नजराना जो मिल रहा है और इसका हिस्सा नीचे से लेकर ऊपर तक जा रहा है यही कारण है कि क्षेत्र की ग्रामीण जनता सड़क पर उतर कर ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही की मांग कर रही है पुलिस इनको बचाने के लिए हर वह कदम उठा रही है जिससे जनता भाले चीखती चिल्लाती रहे लेकिन सोने का अंडा देने वाली मुर्गी अपनी मस्त चाल चलती रहे।