“विकसित भारत @2047 : प्रबंधकीय अवसर और चुनौतियां” टॉपिक राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य समापन

♦️ बैंकिंग, आतिथ्य और राजनैतिक प्रशासन से कुशल भारत 2047 में बनेगा विश्व गुरु : डॉ. शैलेश

♦️ भारतीय प्रबंधन प्रणाली से ही भारत बनेगा विकसित भारत : प्रो. एच. के. सिंह

♦️ प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के समन्वय से भारत बनेगा विश्व गुरु: डॉ. क्षितिज महर्षि

वाराणसी/जयनगर।

शिक्षा, बैंकिंग, आतिथ्य और राजनैतिक प्रशासन से कुशल भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक नीति 2020 के उचित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उक्त उद्गार जयनगर स्थित डी.बी. कॉलेज के वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ शैलेश कुमार सिंह ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में वाणिज्य विभाग द्वारा समसामयिक विषय “विकसित भारत @2047 : प्रबंधकीय अवसर और चुनौतियां” पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में व्यक्त किया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. आशीष बाजपेई ने कहा कि, यदि पेशेवर दृष्टिकोण, तकनीकी उन्नयन और ग्राहक संतुष्टि पर गंभीरता से जोर दिया जाए तो भारत 2047 में एक विकसित राष्ट्र का रूप प्राप्त कर लेगा। भारत में सुपरफास्ट आर्थिक शक्ति का रूप प्राप्त करने की सबसे अधिक क्षमता है क्योंकि हमारे पास विशेषज्ञता के साथ-साथ जनसांख्यिकीय लाभांश भी है।
विशिष्ट अतिथि डॉ क्षितिज महर्षि ने उत्पादन अभिविन्यास और क्षमता वृद्धि के लिए प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के बीच समन्वय पर जोर दिया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय प्रमुख प्रो. एच. के. सिंह ने स्वतंत्र भारत के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य का वर्णन किया और पहल करने का सुझाव दिया।
उन्होंने विकासशील भारत को विकसित भारत में परिवर्तित करने के लिए भारतीय प्रबंधन प्रणाली को उत्कृष्ट करने पर जोर दिया।
संगोष्ठी के समापन सत्र में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो. जी.बी.एस. जौहरी, डॉ. अमित मंगलानी (इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय), डॉ चिन्मय रॉय (बी.एच.यू.) ने भी विकसित भारत के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।
आयोजन सचिव डॉ विनीता सिंह ने सभी आगंतुकों, प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस दौरान मुख्य रूप से प्रो. आशीष बाजपेई, प्रो. एच. के. सिंह, प्रो. डी.के. साहू, डॉ पावस कुमार, डॉ आनंद सिंह, डॉ शांतनु सौरभ, डॉ मीनाक्षी सिंह, डॉ लालबाबू जायसवाल, डॉ आलोक कुमार, डॉ पल्लवी, डॉ सिराजुद्दीन कुरैशी, डॉ अनंजेय गुप्ता, अनिल कुमार राम, प्रदीप त्रिपाठी इत्यादि उपस्थित रहे।

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