गृह मंत्री अमित शाह के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए विवादित बयान पर राजद ने किया जबरदस्त विरोध: जलाये पुतले

सरफ़राज़ आलम*
लखीसराय!गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के बारे में विवादित टिप्पणी किए जाने पर पूरे देश सहित बिहार में भी विपक्षी दलों द्वारा जमकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है!इसी कड़ी में आज राष्ट्रीय जनता दल जिला इकाई की ओर से जिला अध्यक्ष कालीचरण दास एवं वरीय उपाध्यक्ष प्रेम सागर यादव के नेतृत्व में सैकड़ो राजद कार्यकर्ताओं ने लखीसराय सदर प्रखंड के गढ़ी बिशनपुर चौक पर गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया!साथ हीं गृह मंत्री को दलित विरोधी बताते हुए देश से अविलंब माफी मांगने की मांग की!राजद के वरीय उपाध्यक्ष प्रेमसागर यादव ने कहा कि गृह मंत्री का बयान परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के ऐतिहासिक योगदान और सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष का अपमान है।

परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम लेना कोई “फ़ैशन” नहीं, बल्कि समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक परिवर्तन की उस क्रांति का प्रतीक है,जिसने करोड़ों दबे-कुचले लोगों को न्याय और अधिकार दिलाए।अंबेडकर को भगवान के नाम से तुलना करना उनकी विचारधारा की गहराई और संविधान निर्माण में उनके योगदान को कमतर आंकने का प्रयास है।यह न केवल असंवेदनशीलता, बल्कि सामाजिक एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अनादर का परिचायक है।

ये अक्षम्य है,भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को मानने वाले इस अपमान का बदला जरूर लेंगे नहीं तो माफी मांगे गृह मंत्री अमित शाह!

उन्होंने कहा कि परम पूज्य बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर का नाम लेना कोई “फ़ैशन” नहीं, बल्कि समानता, स्वतंत्रता और सामाजिक परिवर्तन की उस क्रांति का प्रतीक है, जिसने करोड़ों दबे-कुचले लोगों को न्याय और अधिकार दिलाए। अंबेडकर को भगवान के नाम से तुलना करना उनकी विचारधारा की गहराई और संविधान निर्माण में उनके योगदान को कमतर आंकने का प्रयास है। यह न केवल असंवेदनशीलता,बल्कि सामाजिक एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अनादर का परिचायक है।

ये अक्षम्य है,भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को मानने वाले इस अपमान का बदला जरूर लेंगे नहीं तो माफी मांगे गृह मंत्री अमित शाह!वहीं राजद जिला अध्यक्ष कालीचरण दास ने गृह मंत्री अमित शाह पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि यह आपत्ति जनक भाषा हैं इस भाषा प्रयोग नहीं करना चाहिए था!