एमडीआर टीबी मरीज को संपूर्ण उपचार के लिए प्रेरित करेंगे स्वास्थ्य कर्मी

सामान्य मरीज की तुलना में एमडीआर टीबी मरीज ज्यादा खतरनाक

जनपद में अभी कुल 262 एमडीआर टीबी मरीजों का चल रहा निश्शुल्क उपचार

आशुतोष चतुर्वेदी, ब्यूरो चीफ
दैनिक समाज जागरण मऊ : मल्टी ड्रग थेरेपी यानी एमडीआर टीबी मरीजों को रोग के संपूर्ण उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी प्रेरित करने का काम करेंगे। सामान्य टीबी मरीज की अपेक्षा ऐसे मरीज टीबी संक्रमण को ज्यादा फैलाते हैं, जो जानलेवा भी साबित होता है। जनपद में इस समय लगभग 262 एमडीआर टीबी मरीज है। टीबी रोग के लक्षण के आधार पर जब मरीज की दवा शुरू की जाती है तो उसे निर्धारित कोर्स को पूरा करना होता है। जबकि कुछ मरीज ऐसे होते हैं जो टीबी की दवा तो शुरू करते हैं जबकि आराम होने पर या एक अवधि के बाद दवा का सेवन बंद कर देते हैं। ऐसे मरीजों को एमडीआर टीबी मरीज की संज्ञा दी गई है। सामान्य तौर पर ऐसे मरीज जब किसी व्यक्ति को संक्रमित करते हैं तो उस व्यक्ति के अंदर भी एमडीआर टीबी के ही लक्षण पाए जाते हैं। अब पीएम मोदी के देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य के बाद ऐसे मरीजों को हर हाल में पूरा कोर्स कराने के साथ उनकी नियमित जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मी उनको प्रेरित करेगें। जांच के दौरान टीबी की पुष्टि होने पर मरीज को कम से कम छह माह तक दवा का सेवन कराया जाता है, लेकिन एमडीआर के मरीज को हल्का संक्रमण होने पर नौ से 11 माह तथा गंभीर होने की स्थिति में 18 माह तक दवा का सेवन प्रतिदिन कराना होता है।

टीबी रोग के उन्नमूलन के लिए सामान्य मरीज के साथ एमडीआर के मरीज को उपचारित करना अनिवार्य है। जनपद में भी सभी चिहृित एमडीआ मरीजों को पूरा कोर्स करने व नए मरीजों की जांच कर उपचारित किय जाएगा।

  • डा. जीसी पाठक, जिला क्षय रोग अधिकारी