नोएडा प्राधिकरण मे माननीय का आदेश भी मान्य नही है, बुल्डोजर चलाकर वेंडर का किया 2 लाख का नुकसान

समाज जागरण डेस्क

नोएडा प्राधिकरण के द्वारा नोएडा सेक्टर 53 के कंचन जंगा मार्केट मे गरीबों के रोजगार पर बुल्डोजर चलाकर उसे बेरोजगार बना दिया गया है। लगता नही है बल्कि यह साबित हो चुका है कि माननीय का आदेश भी नोएडा प्राधिकरण मे मान्य नही है। लिट्टी हांडी चिकन का काम करने वाले सुरेश गुप्ता प्राधिकरण के जेई को माननीय न्यायालय से प्राप्त स्टे आर्डर को दिखाता रहा लेकिन माननीय न्यायालय के आदेश को भी मान्य नही करते हुए रेहड़ी पर बुल्डोजर चलाकर उसे तोड़ दिया गया। सुरेश गुप्ता कंट्रोल संख्या 1 वेंडिंग जोन संख्या 5 सेक्टर 53 अपना दुकान लगाते है।

बताते चले कि सुरेश गुप्ता नोएडा के उन वेंडरों मे से एक है जिनको नोएडा प्राधिकरण के द्वारा वेंडिंग लाइसेंस दी गई है। माना जाता है कि पिछले दिनो नोएडा प्राधिकरण के द्वारा नोटिस जारी करते हुए वेंडर से लाइसेंस मे उल्लेखित कार्य को ही करने के लिए कहा गया। नोटिस मे अन्य कार्य करने पर नही करने के लिए कहा गया। जिसको लेकर वेंडर सुरेश गुप्ता माननीय न्यायालय के शरण मे पहुँचा जहाँ पर उनको एक सप्ताह के लिए स्टे आर्डर प्राप्त हुआ। इसके बावजूद भी नोएडा प्राधिकरण ने उनका दुकान तोड़ दिया है।

लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कौन सी नियम है जहाँ पर लिखा है कि आप उल्लेखित कार्य ही करेंगे। वेंडर ने अगर दूसरा कार्य किया तो उसका रेहड़ी पटरी तोड़ दिया जायेगा और उसके रोजगार को छिन कर उसे बेरोजगार बना दिया जायेगा। बहुत से कार्य तो सीजन के हिसाब से होते है तो क्या वेंडर को यह लिखना जरूरी है कि हम सर्दी मे यह कार्य करेंगे और गर्मी मे यह कार्य। या फिर सर्दी मे यह कार्य करेंगे औऱ गर्मी भर छुट्टी रखेंगे। एक ही मार्केट कई दुकान एक जैसा होता है तो क्या उनका दुकान तोड़ दिए जाते है। कई वेंडिंग जोन मे तो स्वयं नोएडा प्राधिकरण ने ही एक जैसे कई वेंडर का लाइसेंस दिया हुआ है तो यह माना जाय की उन सबका रेहड़ी पटरी इसी तरह से उजाड़ दिए जायेंगे। आखिर लिट्टी चोखा के जगह लिट्टी हांडी चिकन ही तो बेच रहा था कोई गांजा चरस तो नही।

सुरेश गुप्ता के द्वारा सह-अध्यक्ष पथ विक्रेता निवारण समिति, मुख्य विधि सलाहकार को लिखे पत्र मे लिखा है कि उनका 2 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। मेरे द्वारा नोएडा प्राधिकरण के जेई सौरभ को न्यायालय का आदेश दिखाए गए लेकिन जेई का कहना था कि कोई आदेश नही माने जायेंगे। इसके साथ ही एक बड़ा आरोप भी लगाया है कि जेई के द्वारा पैसा लेकर रेहड़ी पटरी लगवाए जाते है नही देने के कारण ही मेरा नुकसान किया गया है।