सरकार हुसैनी मियाँ के आखरी सफर में कोतमा में उमड़ा सैलाब

प्रसिद्ध मुस्लिम धर्मगुरु थे हुसैनी मियां

कोतमा- सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु नागपुर के मशहूर आलिम ए दीन और माहनामा सुन्नी आवाज़ के चीफ एडिटर और सरकार कुतबे रायचूर कर्नाटक के आस्ताने के सज्जादानशीन हजरत मौलाना सैय्यद हुसैनी मियाँ अशरफी मिस्बाही साहब का इंतेक़ाल इतवार की रात नागपुर में हुआ था, उनके इंतेक़ाल के खबर के बाद पूरे हिंदुस्तान में शोक की लहर दौड़ पड़ी और हज़रत हुसैनी मिया साहब के वसीयत के मुताबिक हज़रत हुसैनी मियाँ साहब को सोमवार की रात लहसुई कोतमा लाया गया जहां उनको मंगलवार को ज़ोहर के नमाज़ के बाद तकरीबन दोपहर 3बजे सुपुर्दे खाक किया गया हज़रत के आखरी सफर में हिंदुस्तान भर से सरकार हुसैनी मियाँ के चाहने वालो की भारी भीड़ लहसुई कोतमा में टूट पड़ी । हज़रत की नमाज़ ए जनाजा कालपी शरीफ के सज्जादानशीन शेरे कालपी सैय्यद ग्यासुद्दीन क़ादरी ग्यास मिल्लत ने अदा कराई। सरकार हुसैनी मियाँ के आखरी सफर में अमीने शरीयत के शहजादे और सज्जादानशीन हज़रत मुफ़्ती सलमान रज़ा खां साहब बरेली शरीफ से तशरीफ़ लाए। अंतिम सफर पर कोतमा लहसुन सहित देश भर के मुस्लिम समाज के धर्म के अनुयाई और उनको चाहने वाले की हजारों की संख्या में वीर भारी भीड़ रही , कोतमा पुलिस बल ने अंतिम सफर के दौरान व्यवस्थाएं संभाली और पूर्ण सहयोग किया। वहीं लहसुई में निवास करने वाले मुस्लिम धर्म के लोगों का कहना है कि यह हमारी खुशनसीबी है कि आलिम ए दीन और माहनामा सुन्नी आवाज़ के चीफ एडिटर और सरकार कुतबे रायचूर कर्नाटक के आस्ताने के सज्जादानशीन हजरत मौलाना सैय्यद हुसैनी मियाँ अशरफी मिस्बाही साहब को लहसुई कि पाक जमीन पर अंतिम सफर खत्म हुआ, हुसैनी मियां का लहसुई से अपना लगाओ था, उनकी हर आरजू को अल्लाह पूरा करें।

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