झारखंड जमीन घोटाला : भ्रष्ट्राचार की खुली पोल, 136 करोड़ की सेना की जानें को बेच दिया मात्र 7 करोड़ में।

*भ्रष्टाचार की खुली पोल: बरियातू रोड में जिस बागची ने उसे मात्र 7 करोड़ में बेचा जमीन का बाजार वैल्यू 136 करोड़ थी।*

संजय सिंह, ब्यूरो चीफ सह प्रभारी,समाज जागरण,
दक्षणी छोटा नागपुर प्रमंडल,

राँची (झारखंड ) 15 अप्रैल 2023:-राँची के बरियातू रोड में सेना के कब्जे वाली एमएस प्लॉट संख्या- 557 की 4.55 एकड़ जमीन की बिक्री महज 1.54 लाख रुपए प्रति डिसमिल की दर से की गई। प्रदीप बागची ने कोलकाता के जगत बंधु टी इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष को मात्र सात करोड़ रुपए में जमीन बेच दी। लेकिन तय सरकारी वैल्यूएशन 4.56 लाख रुपए होने से 20,75,84,200 रुपए वैल्यू दिखाकर स्टांप व कोर्ट फीस का भुगतान कराया। जबकि, जमीन का बाजार वैल्यू 30 लाख रुपए प्रति डिसमिल भी मानें, तो 4.55 एकड़ जमीन की कीमत करीब 136 करोड़ रुपए होती है। ईडी के पैरलल इस मामले की पड़ताल की। पता चला कि सेना के कब्जे वाली जमीन की फर्जी खरीद-बिक्री में कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गांई सीओ मनोज कुमार, सीआई भानू प्रताप प्रसाद, सब रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ की महत्वपूर्ण भूमिका है। फर्जी कागज बनाने में अफसर अली जो बरियातू राहत नर्सिंग होम ने नज़दीक रहते है गैंग भी शामिल था। सब रजिस्ट्रार ने लिखा… सीओ की रिपोर्ट के आलोक में रजिस्ट्री मंजूर बड़गांई सीओ ने तत्कालीन डीसी छवि रंजन को भेजी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि वर्तमान में भूमि पर भारतीय सेना का दखल कब्जा है। लेकिन सेल डीड में प्रदीप बागची ने बताया कि आवासीय प्रकृति की जमीन है और उस पर उनका शांतिपूर्ण दखल कब्जा है। इसकी फिजिकल जांच भी नहीं की गई और तत्कालीन सब रजिस्ट्रार घासीराम पिंगुआ ने उस जमीन की रजिस्ट्री की। लेकिन सेल डीड पर उन्होंने स्पष्ट लिखा कि उपायुक्त को भेजी सीओ की रिपोर्ट के आलोक में रजिस्ट्री की स्वीकृति दी जाती है। इससे साफ है कि करोड़ों की जमीन के खेल में पर्दे के पीछे कई ताकतवर लोग भी हैं, जिसके लिए डीसी- सीओ-रजिस्ट्रार ने नियम विरुद्ध काम किया। जांच में मात्र 25 लाख देने की पुष्टि… सेल डीड में 11 चेक से फर्जी पेमेंट ईडी ने प्रारंभिक जांच में पाया कि प्रदीप बागची को मात्र 25 लाख रुपए का भुगतान कोलकाता के जगत बंधु टी इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष ने किया। अन्य भुगतान को फर्जी दिखाया गया। दैनिक समाज जागरण की टीम ने पड़ताल की तो पाया कि आईडीएफसी बैंक के कुल 11 चेक के माध्यम से सात करोड़ रु. का फर्जी भुगतान दिखाकर सेल डीड तैयार कराया गया। सिर्फ चेक संख्या 461153 से 25 लाख का भुगतान किया गया। इतनी बड़ी राशि होने पर भी पदाधिकारियों ने कोई जांच नहीं की। छविरंजन की सहमति से ही बिकी ओरमांझी वाटर पार्क की 8 एकड़ जमीन रांची के ओरमांझी में छवि रंजन के आदेश पर ही आठ एकड़ आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री हुई थी। तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने सीएनटी एक्ट की धारा-49 के तहत इस जमीन की खरीद-बिक्री की इजाजत दी। जमीन की कीमत भी 9803 रु. प्रति डिसमिल तय करा दी। इसी जमीन पर वाटर पार्क बन रहा है। दस्तावेजी जानकारी के अनुसार वाटर पार्क के लिए जमीन संजय कुमार चौधरी और नवीन कुमार ने खरीदी । संजय पटना और नवीन मुंगेर निवासी हैं।