पटना के गांधी मैदान में आयोजित लंका दहन तथा रावण बध कार्यक्रम सम्पन्न

धू धूकर जली रावण मेघनाद तथा कुम्भकर्ण की पुतला

समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश

पटना/ शनुवार को स्थित गांधी मैदान में आयोजित लंका दहन तथा रावण बध कार्यक्रम शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया।
जानकारी के अनुसार प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी पटना के कदमकुआं स्थित नागा बाबा ठाकुरबाड़ी से शाम सागर बजे राम की सेना की एक शोभा यात्रा निकाली गई। जो शाम पांच बजे भगवान श्रीराम तथा हनुमान का जयघोष करते हुए गांधी मैदान पहुंचा। जहां मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा कार्यक्रम का उद्घाटनकर्ता बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अलेन्कर ने आरती उतारी तथा अभिनन्दन किया। इस दौरान मैदान में पहुंचे हनुमान रूपी कलाकार ने अपनी करतब दिखलाते हुए रावण की लंका में अपनी पूंछ से आग लगाकर भस्म कर दिया। फिर राम की सेना ने रावण की सेना को संहार किया। उसके बाद राम ने 70 फुट लम्बी कुम्भकर्ण का पुतला जला डाली, उसके बाद लक्ष्मण ने 75 फुट लम्बी मेघनाद का पुतला जलाया। जबकि अंत मे राम ने 80 फुट लम्बी रावण की पुतला जलाकर लंका दहन तथा रावण बध कार्यक्रम का समापन किया। इस दौरान मैदान में भरे दर्शकों तथा श्रद्धालुओ के द्वारा की गई राम तथा हनुमान की जयघोष से वहां का वातावरण गूंजती रही। वही आयोजको के द्वारा बताया गया कि यह कार्यक्रम पिछले 69 वर्षों से लगातार होते आ रही है। यह कार्यक्रम पूरे 13 दिनों तक चलती है। आज लंका दहन तथा रावण बध हुआ है। वही 13 अक्टूबर को नागा बाबा ठाकुरवाड़ी में भरत मिलाप के बाद कार्यक्रम का समापन होगा। यह कार्यक्रम रामलीला का हिस्सा है। जो भारत के टॉप टेन कार्यक्रमो में शामिल है।
ज्ञात हो कि कार्यक्रम की तैयारी को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से गांधी मैदान को चार सेक्टरों में बांटकर वरीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में सभी व्यवस्था की गई थी। अस्थायी थाना, तीन नियंत्रण कर तथा 13 वॉच टॉवर बनाकर स्थिति की निगरानी जिला प्रशासन के द्वारा की जा रही थी। बाइक दस्ता निदान के चारो ओर चक्कर लगाती रही। इसके अलावा तीन क्यू आर टी टीम सक्रिय रही। पर्याप्त प्रकाश के लिए 136 एलईडीई मेटल लाइट व 229 पोल लाइट सहित 20 हाई मास्क लाइट लगाई गई थी। वही कार्यक्रम की मॉनिटरिंग 128 सीसीटीवी कैमरे से की गई।
ज्ञात हो कि इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1955 में पहली बार गांधी मैदान में पाकिस्तान से आये सिख विस्थापितों ने पटना के व्यवसायी वर्ग के साथ मिलकर किया था। तब सड़ यह कार्यक्रम का आयोजन लगातार की है रही है। वर्ष 2008 में रामलीला ट्रस्ट कज़ रजिस्ट्रेशन बिहार सरकार में हुई। तब से इस कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के माध्यम से की जा रही है।