मछुआ कल्याण कोष को आबंटित राशि ऊंट के मुँह में जीरा



*भाजपा ने निषाद समाज से किया वादाखिलाफी-लौटन राम निषाद*
लखनऊ।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मछुआ कल्याण कोष के लिए आबंटित 25 करोड़ रुपये की धनराशि पौने 2 करोड़ निषाद मछुआरा जातियों के लिए ऊंट के मुँह में जीरा समान है।राष्ट्रीय निषाद संघ द्वारा एसजी गेस्ट हाउस गोमतीनगर में प्रदेश अध्यक्ष कैलाश नाथ निषाद की अध्यक्षता में आयोजित सामाजिक न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटन राम निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार ने निषाद मछुआरा समुदाय से जो वादा किया था उसे पूरा न कर वादा खिलाफी कर रही है।उन्होंने कहा कि भाजपा का चुनाव घोषणा पत्र, दृष्टि पत्र और मछुआरा दृष्टि पत्र का संकल्प पूरी तरह ढोंग एवं झूठा छलावा साबित हुआ है।चुनाव में बीजेपी राम-निषादराज की मित्रता का हवाला देकर निषादराज के वंशजों का वोट तो लिया, पर सरकार बनने पर आरक्षण और अधिकार देने की बजाय इनके वंशानुगत परम्परागत अधिकारों को सार्वजनिक कर बेकारी की स्थिति में पहुँचा दिया।मत्स्य मंत्री संजय निषाद द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना का झूठा प्रचार और निषाद मछुआरा जातियों को झूठा सपना दिखाकर सिर्फ लूटपाट की गयी।उन्होंने कहा कि मत्स्य मंत्री द्वारा निजी स्वार्थ सिद्ध होने पर आरक्षण के मुद्दे को खत्म करा दिया गया।निषाद पार्टी संजय निषाद एंड फॅमिली की प्राइवेट लिमिटेड लूट कम्पनी बन कर रह गई है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने निषाद समाज से वादा खिलाफी कर निषादराज के वंशजों के साथ घोर अन्याय किया है।उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता की बात करने वाली भाजपा चमार, पासी, धोबी की तरह एससी की सूची में शामिल मझवार(मल्लाह, केवट, मांझी), तरैहा(धीवर, धीमर, तुरहा), गोंड (गोड़िया, धुरिया, कहार,रायकवार) को परिभाषित कराकर अनुसूचित जाति का आरक्षण क्यों नहीं दिला रही।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए लौटन राम निषाद ने कहा कि मछुआ कल्याण कोष के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न मदों में पौने दो करोड़ से अधिक संख्या वाले निषाद मछुआरा समाज के लिए मात्र 25 करोड़ की धनराशि दिया है जो निषाद मछुआरा जातियों के कल्याण की बजाय संजय निषाद की लूट का हिस्सा बना हुआ है।उन्होंने बताया कि 25 करोड़ रुपये के बजट में चिकित्सा सहायता हेतु मात्र 2.5 करोड़, अवसंरचनात्मक सुविधा/बारात घर हेतु 5 करोड़, मछुआ आवास निर्माण सहायता हेतु 10 करोड़, महिला सशक्तिकरण हेतु 4.5 करोड़, दैवी आपदा में वित्तीय सहायता हेतु 2.5 करोड़ और मत्स्य पालन प्रशिक्षण/भ्रमण हेतु 0.5 करोड़ की धनराशि आवंटित की गयी है।उन्होंने कहा कि संजय निषाद द्वारा 4 हजार करोड़ का झूठा प्रचार कर मछुआरों से करोड़ों की धन उगाही की गयी है।
प्रदेश अध्यक्ष कैलाश नाथ निषाद ने कहा कि जाति के नाम पर पार्टी के नाम का प्रचार कर निषाद समाज को बेवक़ूफ़ बनाकर संजय निषाद एंड फॅमिली द्वारा लूट और ठगी की जा रही है।तालाबों, झीलों, जलाशयों, पोखरा आदि का निषाद जातियों को मत्स्य पालन हेतु पट्टा न कर खुली नीलामी द्वारा गैर मछुआरा माफियाओं और सामंतों को ठेका दिया जा रहा है जिसमें निषाद पार्टी के अध्यक्ष मत्स्य मंत्री संजय निषाद द्वारा सौदेबाजी की जा रही है जिससे पुश्तैनी पेशेवर गरीब मछुआरा जातियाँ रोजी रोटी से वंचित हो गयी हैं।उन्होंने निर्वाचन आयोग से निषाद पार्टी के प्रयोग पर रोक लगाने की मांग की है।
रमेश चंद्र निषाद ने कहा कि प्रदेश में जब जब भाजपा की सरकार बनी,तब तब बालू खनन, मत्स्य पालन, मत्स्य आखेट और शिकारमाही को सार्वजनिक कर निषाद समाज की हकमारी की गयी।उन्होंने कहा कि कहां गया भाजपा का फिशरमैन विज़न डॉक्युमेंट्स का संकल्प और निषाद मछुआरा जातियों को आरक्षण, अधिकार देने का वादा? उन्होंने 24 जुलाई को गोरखपुर में आयोजित निषाद महाकुंभ को भाजपा की साज़िश और कुछ स्वार्थी नेताओं की निषाद समाज को बेवक़ूफ़ बनाने की रणनीतिक चाल है जो निज स्वार्थ के लिए भाजपा से सांठगांठ कर निषाद समाज को भ्रमित करना चाहते हैं।सम्मेलन को जुगलकिशोर कश्यप, अंजू गौड़, रामकेश बिन्द,गया प्रसाद धुरिया, अरुण कुमार निषाद, प्रकाश चंद्र निषाद,प्रेम सिंह वर्मा, संतोष रैकवार,
ओमप्रकाश बाथम,हरि प्रसाद गौड़, नीरज निषाद, बाबूलाल कश्यप, राजेन्द्र निषाद, आशा प्रसाद निषाद, रामधनी बिन्द,
राधेश्याम निषाद आदि ने भी संबोधित किया।